देहरादून। पहाड़ों में जंगली जानवरों के उत्पात से खेती से मुंह मोड़कर लोग नौकरी के लिए शहरों की तरफ पलायन कर रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए लमगड़ा के नवीन मिसाल बने हैं। निजी नौकरी छोड़कर उन्होंने सेब उत्पादन किया और 10 लोगों को रोजगार दिया है। सेब उत्पादन से वह छह लाख रुपये सालाना कमा रहे हैं। लमगड़ा विकासखंड के शहरफाटक क्षेत्र के मसान खाल गांव के नवीन बजेठा ने देहरादून में 14 साल नौकरी की। अपने गांव लौटकर कुछ नया करने की चाह और यहां बेरोजगारी के चलते हो रहे पलायन को देखकर उन्होंने नौकरी छोड़ गांव का रुख किया। बागवानी शुरू कर सेब उत्पादन में हाथ आजमाया, इसमें उन्हें सफलता मिली।अपनी 20 नाली बंजर भूमि को आबाद कर एप्पल मिशन योजना के तहत इसमें सेब के पौधों का रोपण किया जो अब उनके रोजगार का जरिया बना है। पेड़ों में सेब लहलहा रहे हैं। हर साल उनके बागान में 20 टन सेब का उत्पादन हो रहा है। इससे छह लाख रुपये सालाना आय अर्जित कर रहे हैं। उन्होंने 10 ग्रामीणों को भी रोजगार दिया है। जो हर माह छह से सात हजार रुपये कमा रहे हैं। नवीन ने रेड डिलीशियस और गाला प्रजाति के सेब का उत्पादन किया है। बाजार में सेब की कीमत 150 से 200 रुपये किलो है। नवीन बताते हैं कि सेब की मांग हल्द्वानी तक है। बताया कि स्थानीय स्तर पर भी सेब की खासी मांग है, इससे उन्हें बाजार की कमी महसूस नहीं हो रही।