चाहें मुझे गर्दन अलग करवानी पड़े पर अमृत छक कर ही जाऊँगा

बरेली। जैसा कि सभी जानते हैं सिक्खों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह साहिब ने 1699 में बैसाखी के दिन भरी सभा मे पाँच शीशों की माँग की और लाखों की भीड़ में से पाँच लोग अपना शीश देने के लिए राजी हुए जिनको बाद में अमृत छकाकर पंच प्यारों का दर्जा दिया गया और गुरु साहिब ने खुद भी पँच प्यारों से अमृत की दात माँगी और तभी से उनके नाम के आगे भी सिंह लगाया जाने लगा गुरु साहिब ने अमृत छकाकर खालसा फोर्स तैयार की थी तभी से पंथ का असूल है कि अमृत छक कर खालसा पंथ में प्रवेश लिया जाता है। गुरु साहिब ने कहा “प्रथम रहत एह जान खण्डे की पहुल छके” जिसके भावार्थः है कि सबसे पहले नियम यह है कि अमृत छक कर गुरु वाले बनों। इसी लिए हर बड़े गुरु पर्व याँ धार्मिक कार्यक्रम का मुख्य निचोड़ होता है अमृत संचार जिसमे पँच प्यारे साहिबान प्राणियों यानी इंसानों को अमृत की दात देकर खालसा पंथ में जोड़ते हैं और प्राणी अमृत पान कर गुरु वाले बनते हैं। रविवार को गुरुद्वारा श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी सिंह सभा जनकपुरी में 22 जून को मनाए गए सिक्खों के छटे गुरु श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी के प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में अमृत संचार का आयोजन किया गया जिसमें विशेष रूप से श्री अमृतसर साहिब से शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से पँच प्यारों को भेजा गया इस अवसर पर बिजनोर, बदायूं, लखीमपुर खीरी सहित बरेली के 32 प्राणियों ने अमृत छक कर खालसा पंथ में प्रवेश लिया व गुरु वाले बने। इस दौरान दो 10 वर्षीय बच्चो ने कमाल कर दिया एक गोला के पास एक गुरुद्वारे में ग्रन्थी साहिब के पद पर कार्यरत गुरमीत सिंह के 10 वर्षीय पुत्र प्रभजोत सिंह ने अमृत छकने की जिद्द पकड़ ली वह गुरुद्वारा में ही सेवा करने वाली अपनी बुआ सिमरन कौर के पास अपनी बहन के साथ गुरु पर्व पर आया हुआ था और दूसरा डेरी संचालक हरजीत सिंह काकू का 11 वर्षीय मनकीरत सिंह बताया जा रहा है कि दोनों के मातापिता ने डराया की पँच प्यारे पहले गर्दन काट देंगे । पर दोनो ही बच्चे अपनी जिद्द पर अटल थे वह बोले चाहें गर्दन काट दो पर अम्रत तो छकना ही है बताते चलें बच्चों के परिजन इस लिए डरा रहे थे कि कहीं ऐसा न हो बच्चे छोटी उम्र में अमृत छक कर कल को नियम का पालन न कर सकें और पाप के भागीदार हो। दोनो बच्चो की इस गुरु के प्रति श्रद्धा व प्रेम को देखकर हर कोई दंग रह गया। कार्यक्रम में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरनाम सिंह खालसा, सचिव रमिंदर सिंह सोनी, निर्माण सिंह, रविन्द्र सिंह बग्गा,परमजीत सिंह दुआ,कुलदीप सिंह आदि लोग उपस्थित रहे जिन्होंने सभी अम्रत छकने वाले प्राणियो को गुरु वाला बनने पर बधाई दी।

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