बदायूँ में देशी रायफल 5000 में औऱ देशी तमंचा 2500 में बिकता,पुलिस ने शस्त्र फैक्ट्री पकड़ी
बदायूँ। कोतवाली सहसवान पुलिस ने अवैध शस्त्र फैक्ट्री पर छापा मारकर दो लोगों को भारी मात्रा में अवैध शस्त्र बरामद किए है। पुलिस ने फैक्ट्री से. ओमपाल नि0 ग्राम कुकरईया थाना सहसवान हाल पता मो0 नयागंज औऱ मीहिलाल नि0 ग्राम जखुपुर थाना सहसवान को एक रायफल देशी .315 बोर, दो अदद तमन्चा .315 बोर व एक अर्ध निर्मित रायफल .315 बोर व 5 अर्ध निर्मित तमन्चे .315 बोर व 3 नाल ,व एक अदद खोखा कारतूस .315 बोर तथा शस्त्र बनाने के उपकरण के साथ गिरफ्तार किया गया। एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि सहसवान पुलिस को जरिये मुखबिर खास सूचना मिली की ग्राम जखुपुर के जंगल मे मीहिलाल मौर्य टयुबैल के पास दो व्यक्ति अवैध तमंचा व देशी रायफल बनाने की फैक्ट्री चला रहे है, इस सूचना पर विश्वास कर थाना सहसवान पुलिस द्वारा मुखबिर को साथ लेकर मुखविर द्वारा बताए स्थान की ओर चल दिए ग्राम जखुपुर के जंगल मे मीहिलाल के टयुवैल से करीब 50 कदम पहले से मुखविर ने इशारा कर बताया कि सामने जो आग चल रही है यही पर दोनो व्यकित अवैध शस्त्र बनाने की फैक्ट्री चला रहे है। और मुखबिर चला गया तब हम पुलिस वालो ने आपस मे राय मशवरा कर योजना बनाकर सिखलाए तरीके से आस पास खडी मक्का की फसल मे छिपते छिपते नजदीक पहुंच कर देखा कि एक व्यक्ति धोकनी चलाकर लोहे की कोई चीज गर्म कर रहा है

उसे निकाल कर सिकन्जे मे फसाँ कर रेती से घिस रहा है। और पास मे रखे लोहे की पट्टी पर रख कर हथौडे से पीट रहा है इस पर हम पुलिस वालो को विश्वास हो गया कि यहा अवैध शस्त्रो का निर्माण हो रहा है दूसरा व्यकित आरी से लोहा का कुछ काट रहा है तभी हम पुलिस वालो ने एक वारगी दबिश देकर आवश्यक वल प्रयोग करते हुए दोनो व्यक्तियो को भागने का मौका दिए बगैर पकड लिया । पूछने पर बताया कि साहब यह काम हम दोनो ने मिलकर नया नया शुरू किया है, देशी रायफल 5000 रूपये मे व देशी तमन्चा 2500 रूपये मे चलते फिरते ग्राहक तलाश कर बेच देते है, जिससे हम अपने परिवार का पालन पोषण करते है, तथा अभियुक्त ओमपाल उपरोक्त ने बताया कि शस्त्र बनाने का काम मैने अपने पिता हाकिम से सिखा था, मेरे पिता की उम्र करीब 85 वर्ष की हो गयी है, वह बीमार रहते है, तथा खाट पकड ली है, उनके ईलाज के लिये लोक सभा चुनाव 2024 में शस्त्रो की मांग बढने के अंदेशे पर मैने मीहिलाल के साथ काम शुरू किया योगी बाबा की दहशत व पुलिस की सक्रियता के कारण तैयार माल बिक नही सका। चलते फिरते एक – दो तमंचे बिक गये है । चुनाव खत्म होने के बाद हमने फिर काम शुरू किया तो पुलिस ने हमको पकड लिया। मेरे पिता भी पहले 04 बार शस्त्र फैक्ट्री में जेल जा चुके है, तथा एक बार मैं भी शस्त्र फैक्ट्री में जेल जा चुका हूँ। तथा अभियुक्त मीहिलाल उपरोक्त ने बताया कि ये काम मैनें अपने साथी ओमपाल से सिखा है, क्योकिं ओमपाल के पिता हाकिम ये काम पहले कर चुके है।




















































































