बदायूं। में छेड़छाड़ के आरोप में फैसला कराने के नाम पर 20 हजार रुपये वसूलते हुए हैड कांस्टेबल को एंटी करप्शन टीम बरेली ने रंगे हाथ पकड़ा है। सिपाही कादरचौक थाने में तैनात हैं, लेकिन टीम सिपाही को वहां से पकड़कर सीधे उझानी कोतवाली ले गई और वहां उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा लिखा गया है। फिलहाल टीम सिपाही को लेकर बरेली रवाना हो गई है। ताकि वहां उन्हें कोर्ट में पेश किया जा सके। एंटी करप्शन टीम बरेली के सीओ यशपाल सिंह ने बताया कि कादरचौक थाना क्षेत्र के गांव कादरबाड़ी निवासी लायक अली व उसके बेटे के खिलाफ एक व्यक्ति ने छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए थाना कादरचौक में तहरीर दी थी। इस मामले में वहां तैनात दरोगा महेश कुमार व हेड कांस्टेबल प्रवेंद्र सिंह ने आरोपी पक्ष से 20 हजार रुपये मांगे थे। कहा था कि रुपये दे दो तो दोनों पक्षों के बीच समझौता करवा देंगे। लायक अली ने इस मामले की शिकायत एंटी करप्शन टीम से की तो टीम ने साक्ष्यों के आधार पर ट्रैपिंग का प्लान बनाया। ट्रैपिंग के तहत एंटी करप्शन के इंस्पेक्टर काशीनाथ उपाध्याय के नेतृत्व में टीम पीड़ित को लेकर कादरचौक थाने पहुंची। यहां से उसे अकेले थाने भेजा गया। जबकि टीम के अन्य सदस्य सादा लिवास पहनकर थाने में पहुंचकर फिल्डिंग लगा लिए। रिश्वत वाले नोटों के नंबर पहले ही टीम ने अपने पास नोट कर लिए थे। जैसे ही हेड कांस्टेबल को पीड़ित ने रिश्वत दी तो टीम ने उन्हें धर दबोचा। यह देख थाने में मौजूद पुलिस स्टाफ में भी अफरातफरी मच गई। दोनों को टीम अपने साथ वहां से उझानी कोतवाली ले गई और वहां दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। सीओ ने बताया कि भ्रष्टाचार करने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। डीजीपी व आईजी भ्रष्टाचार निवारण संगठन के निर्देश पर यह अभियान चलाया जा रहा है। मालूम रहे कुछ दिनों पहले इस्लामनगर थाने की महिला दरोगा भी रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ कर जेल भेजी गई थी।