यज्ञ तीर्थ गुधनी में चल रहे यजुर्वेद पारायण यज्ञ की विधिवत पूर्ण आहुति हुई
बिल्सी। यज्ञ तीर्थ गुधनी में चल रहे यजुर्वेद पारायण यज्ञ की आज विधिवत पूर्ण आहुति हो गई ।इस अवसर पर पूरे जनपद से अनेक राजनेता व गणमान्य पधारे । अंतर्राष्ट्रीय वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूप के निर्देशन में होने वाले यज्ञ महोत्सव में आज बिल्सी विधायक हरीश शाक्य ने लगातार 1 घंटे तक यज्ञ में आहुतियां देकर राष्ट्र कल्याण की कामना प्रभु से की बिसौली से मुख्य यजमान सुभाष चंद्र अग्रवाल रवि प्रकाश अग्रवाल इस्लामनगर सेपूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र लीडर श्रवण कुमार आर्य उझानी से मुख्य यजमान प्रदीप चंद्र गोयल पंकज सक्सेना बदायूं से मुख्य अजमल धीरज सक्सेना ने भी यज्ञ में आहुतियां दी । देश भर से अनेक श्रद्धालु भी पधारे । लोगों में यज्ञ में आहुतियां देने की होड़ लगी थी । भीषण गर्मी में भी यज्ञ के प्रति आस्था देखते बन रही थी । विधायक हरीश शाक्य वह आचार्य संजीव रूप ने आर्य समाज के कार्यकर्ताओं का सम्मान अभिनंदन किया । इस अवसर पर हरीश शाक्य ने कहा “यज्ञ एक विज्ञान है खुशियों का सामान है !
यज्ञ से व्यक्ति सुखी होता है सुख का मूल ही यज्ञ है । आर्य समाज गुधनी बधाई का पात्र है । ब्लॉक प्रमुख धीरज सक्सेना ने कहा “इतना विशाल कार्यक्रम इतनी भीषण गर्मी में इतनी सफलता के साथ देख करके मैं हैरान हूं निश्चित रूप से यह आचार्य संजीव रूप का तप है और यहां के लोगों का यज्ञ के प्रति सच्चा प्रेम व निष्ठा है । उझानी से पधारे प्रदीप चंद्र गोयल ने कहा सामाजिक बुराइयां दूर करने का उपक्रम है आर्य समाज । रवि प्रकाश गोयल ने कहा “बच्चों के कार्यक्रम देखकर के मन प्रफुलित हुआ है, निश्चित यहां सुंदर संस्कार दिए जा रहे हैं आचार्य जी के द्वारा । यज्ञ के ब्रह्मा शुचिशद महाराज ने दुःख और कष्ट की परिभाषा करते हुए कहा “दुख का परिणाम नहीं मिलता , कष्ट का परिणाम मिलता है । दुख पहले किए गए पाप कर्मों का फल होता है जबकि कष्ट वर्तमान में पुरुषार्थ करते हुए उठाने वाला तप है जैसे खेती करते हुए कष्ट होता है बच्चे को पढ़ाते हुए कष्ट होता है यज्ञ करते हुए भी कष्ट होता है किंतु इन सब का परिणाम सुख होता है इसलिए व्यक्ति को शुभ कर्मों के लिए कष्ट अवश्य उठाना चाहिए । आचार्य संजीव रूप ने यजमानों से बुराइयां छोड़ने का आवाहन किया , अनेक लोगों ने बुराइयाँ छोड़ने का संकल्प लिया । लगभग पाँच सौ से अधिक यजमानों को सम्मानित किया गया । यज्ञ में पधारे सभी श्रद्धालुओं को साहित्य व कैलेंडर आदि भेंट किए गए ।मुकेश आर्य व प्रश्रय आर्य ने सुंदर भजन गाए । कार्यक्रम में अजीत सक्सेना, देशराज सक्सेना, ललित कुमार, स्वामी विवेकानंद,आभा गोयल,डॉ विजय सिंह सोलंकी,श्रद्धा सक्सेना, साहू सावेद्र ,नीरज सांई , वैद्य विशाल जौहरी व एक हजार से अधिक लोग मौजूद रहे।