चुनावी सरगर्मी में सेंसेक्स धड़ाम, नोएडा की कंपनियों को 7500 करोड़ का घाटा; इन पर पड़ा बड़ा असर
नोएडा। चार जून को मतगणना के बीच सुबह से ही बहुमत की सरकार बनने पर बनी असमंजस की स्थिति और इससे पैदा होने वाली राजनैतिक अस्थिरता के खौफ ने नोएडा की बड़ी कंपनियों को भी करीब 7500 करोड़ रुपये का घाटा करा दिया। शेयर मार्केट में इतने बड़े क्रैश का असर नोएडा की 12 से अधिक सूचीबद्ध कंपनियों पर पड़ा है। कंपनियों के मार्केट कैप में भी 11 फीसदी तक की कमी एक दिन में आई है। दोपहर में मौजूदा सरकार के पक्ष में मतगणना के रुझान आने के बाद हालात जरूर सुधरे, लेकिन नुकसान की भरपाई बाजार बंद होने तक नहीं हो सकी।शेयर मार्केट में आई गिरावट का सबसे बड़ा असर हरित ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी आइनॉक्स विंड लिमिटेड और उर्वरक बनाने वाली कंपनी नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड को हुआ है। दोनों कंपनियों के शेयरों की कीमत करीब 10 फीसदी तक गिरी है। इससे कंपनी की मार्केट कैप पर सीधे तौर पर असर हुआ है। इसके अलावा बड़े नुकसान उठाने वाली कंपनियों में डिक्सन टेक्नोलॉजी, जयप्रकाश एसोसिएट्स, त्रिवेणी टर्बाइन लिमिटेड, हैवेल्स इंडिया लिमिटेड, संवर्धन मदरसन और पेटीएम शामिल हैं। जुबिलैंट फूडवर्क्स, एचसीएच टेक्नोलॉजीज के शेयर जरूर इस मार्केट क्रैश के बीच गिरावट से बचे रहे।शेयर मार्केट में निवेश विशेषज्ञ वीके विजय कुमार का कहना है कि भाजपा को खुद पूर्ण बहुमत नहीं मिलने से मार्केट में निराशा है। यह भी संभावना है कि मोदी 3.0 बदलाव के लिए केंद्रित नहीं रहे जैसा कि बाजार को उम्मीद थी। निवेश विशेषज्ञ जतिन त्रिवेदी ने अभी गिरावट जारी रहने का संकेत दिया है। उनका कहना है कि अस्थिरता ने शेयर बेचने का दबाव बढ़ाया है। इसका असर अभी गिरावट के रूप में बना रह सकता है। बड़ी गिरावट के बाद भी नोएडा की एचसीएच टेक्नोलॉजी के शेयरों में मामूली बढ़त देखने को मिली। जुबिलैंट फूडवर्क्स भी इसी तरह मार्केट के धड़ाम होने के बाद भी शेयरों में बढ़ोतरी दिखी। एचसीएच में 0.42 फीसदी और जुबिलैंट फूड में 0.52 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। इससे निवेशकों को भी नुकसान नहीं हुआ।मार्केट क्रैश में मंगलवार को केवल कंपनियों की ही मार्केट वैल्यू कम नहीं हुई। शेयर मार्केट में निवेश करने वाले निवेशकों को भी नुकसान उठाना पड़ा है। गौतमबुद्ध नगर में करीब 1.10 लाख डीमैट खाते हैं। इन निवेशकों को करीब 1000 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन विशेषज्ञ कर रहे हैं।
