बिसौली। क्षेत्र के ग्राम शरह बरौलिया में सिद्व बाबा आश्रम पर सोई वाले महाराज स्व. पूज्यपाद श्रीविदेह नन्दनी शरण महाराज जी की स्मृति में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन कथावाचक मणिश्वर भारद्वाज जी ने गोवर्धन लीला के साथ भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का प्रसंग सुनाया। श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन सुनकर मंत्रमुग्ध हो गए। कथावाचक मणीश्वर भारद्वाज ने कहा भगवान ने अपनी लीलाओं से जहां कंस के भेजे विभिन्न राक्षसों का संहार किया, वहीं ब्रज के लोगों को आनंद प्रदान किया। कथा के दौरान भगवान गिरिराज पर्वत को उठाते हुए सुंदर झांकी सजाई गई। इस दौरान भजनों पर श्रद्धालु देर तक नाचते रहे। कथावाचक ने कहा कि इंद्र को अपनी सत्ता और शक्ति पर घमंड हो गया था। उसका गर्व दूर करने के लिए भगवान ने ब्रज मंडल में इंद्र की पूजा बंद कर गोवर्धन की पूजा शुरू करा दी। इससे गुस्साए इंद्र ने ब्रजमंडल पर भारी बरसात कराई। प्रलय से लोगों को बचाने के लिए भगवान ने कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया। सात दिनों के बाद इंद्र को अपनी भूल का एहसास हुआ। इस मौके पर गोवर्धन लीला की झांकी भी सजाई गई। कथा के दौरान गोवर्धन पूजन का उत्सव उल्लास के साथ मनाया गया। संगीतमय कथा के दौरान भजनों पर पांडाल में उपस्थित श्रद्धालु भजनाें पर नाचते रहे। कथा के दौरान सिद्व बाबा आश्रम के महंत व कथा आयोजक सोहन दास महाराज पण्डित श्यामपाल पाठक, सत्यपाल शर्मा, डॉक्टर अवनीश पाठक,राकेश शंखधार,अनिल कटिया आचार्य,अनुज शंखधार,पण्डितअभिलाषी, श्रीकृष्ण फूलमाली, शैलू पण्डित,रामविलाश शर्मा,वेदराम दिवाकर, सेवेंद्र दिवाकर,विनीत कटिया, रीना शर्मा,भागवती,विनोद शर्मा,आदि उपस्थित रहे।