लखनऊ। सपा के रामपुर लोकसभा सीट से मोहिबुल्लाह नदवी को उतारने से पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच रार बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, सपा ने डैमेज कंट्रोल शुरू करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। सूत्र बताते हैं कि शीघ्र ही आजम खां को मनाने सपा महासचिव शिवपाल यादव सीतापुर जेल जाएंगे। वहीं, मुरादाबाद के प्रत्याशी को लेकर कन्फ्यूजन दूर हो गया है। इस सीट पर मंगलवार को मौजूदा सांसद एसटी हसन और बुधवार को पूर्व विधायक रुचि वीरा ने सपा के सिंबल के साथ नामांकन कराया था। हालांकि, बुधवार को एसटी हसन ने अपना पर्चा वापस लेने की बात कहकर रुचि वीरा का रास्ता साफ कर दिया। पहले चरण के चुनाव में टिकट को लेकर सपा में घमासान हो गया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के रामपुर से चुनाव न लड़ने से जेल में बंद आजम खां ने मंगलवार को बगावत कर दी है। उन्होंने इस सीट पर चुनाव के बहिष्कार का एलान किया है। आजम खां चाहते हैं कि रामपुर से अखिलेश यादव और मुरादाबाद से मौजूदा सांसद एसटी हसन के बजाय रुचिवीरा लड़ें। यह आजम खां का दबाव ही है कि रुचिवीरा को मंगलवार को सपा का सिंबल दे दिया गया, जबकि उससे पहले एसटी हसन अपना पर्चा भर चुके थे। बुधवार को आजम के दबाव में ही सपा नेतृत्व ने एसटी हसन को अपना पर्चा वापस लेने के लिए मनाया। सपा नेतृत्व ने रामपुर से दिल्ली की पार्लियामेंट स्ट्रीट जामा मस्जिद के इमाम मोहिबुल्लाह नदवी को मैदान में उतार दिया। जबकि, आजम खां के खासमखास माने जाने वाले आसिम रजा ने भी पर्चा खरीदकर बता दिया कि नदवी को उतारने के फैसले से आजम खां और उनके समर्थक खुश नहीं हैं। कुल मिलाकर पश्चिमी यूपी की इन दोनों सीटों पर जबरदस्त कन्फ्यूजन बना हुआ था। अब सबकी निगाहें शिवपाल यादव पर टिकी हुई हैं। देखते हैं कि वे आजम खां को मनाने में कितना कामयाब होते हैं।