प्रदेश की सुरक्षित 17 लोकसभा सीटों में ये तीन बार की ‘अजेय’ सीट- फिर कमलेश पासवान पर ही दांव
गोरखपुर। प्रदेश में कुल 17 लोकसभा की सीटें ऐसी हैं, जो आरक्षित हैं। इनमें बांसगांव लोकसभा की सीट भी है। इस सीट पर हैट्रिक जीत हासिल करने वाले कमलेश पासवाल अकेले ऐसे सांसद, जिनपर भाजपा ने चौथी बार विश्वास जताया है। 1996 से इसी सीट पर कमलेश पासवान की मां सुभावती पासवान भी जीत हासिल कर चुकी हैं। लेकिन, वो सपा से चुनाव जीती थीं।कमलेश के पिता और सुभावती पासवान के पति ओम प्रकाश पासवान प्रदेश के तत्कालीन दबंग विधायकों में से एक थे।कमलेश पासवान पर भाजपा पार्टी ने 2009 में पहली बार दांव आजमाया। बांसगांव लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया, जहां उन्होंने तत्कालीन केद्रीय मंत्री महावीर प्रसाद को शिकस्त दी। ऐसे 1996 में मां के जीतने के बाद 2009 में इसी सीट पर वापस बेटे कमलेश ने जीत हासिल कर कब्जा जमाया। और ये कब्जा लगाातार तीन बार से चले आ रहा।साल 2014 में भारी विरोध के बावजूद भाजपा ने कमलेश पासवान पर ही दांव लगाया और कमलेश को दोबारा सफल हुए। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भी कमलेश पासवान इस सीट से विजई रहे। क्षेत्र में कमलेश की स्थिति इससे भी साफ देखी जा सकती है कि बांसगांव के इसी विधानसभा सीट पर लगातार दूसरी बार छोटे भाई विमलेश पासवान विधायक चुने जा चुके हैं।राजनीतिक जानकार तेज प्रताप सिंह ने बताया कि सन् 1962 में अस्तित्व में आए गोरखपुर जिले की इस लोकसभा सीट पर पहली जीत कांग्रेस ने हासिल की थी। 1989 में बहुजन समाज पार्टी ने पहली बार यहां से चुनाव लड़ा और मैदान में मोलई प्रसाद को उतारा। इनके विरोध में पूर्व राज्यपाल महावीर प्रसाद थे। इस चुनाव में 85 हजार से अधिक मत पाने के बाद भी मोलई प्रसाद हार गए थे और महावीर प्रसाद चुनाव जीते थे।बताया कि 1991 के रामलहर में पहली बार भाजपा का खाता इस लोकसभा सीट पर खुल सका। तब, राजनारायण पासी को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया और मैदान में उतारा था। इस चुनाव में उन्होंने महावीर प्रसाद को शिकस्त देकर जीत हासिल की थी। इसी के बाद 1996 के चुनाव में तत्कालीन सांसद की मां ने जीत दर्ज किया।इस सीट पर वो सपा से चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। 2009 से इस सीट पर लगातार कमलेश पासवान इस सीट पर जीतते आ रहे और इस बार फिर से भाजपा ने इस सीट से प्रत्याशी बनाया है।सपा के नेता शिवाजी शुक्ला ने बताया कि कमलेश पासवान ने अपने राजनीति की शुरूआत समाजवादी पार्टी के साथ की थी। लेकिन, बाद में बीजेपी का दामन थाम लिया। इसी के बाद लगातार वो क्षेत्र में अपने मतदाताओं के चहेते बने हुए हैं। लेकिन, इस बार इंडिया गठबंधन की लड़ाई मजबूत होगी। इंडिया गठबंधन के सामने अबकी जीत का सिलसिला टूटेगा। हालांकि, समर्थक सतीश नांगलिया ने कहा कि इस बार भी पिछले तीन बार की तरह कमलेश अपनी सीट पर और भारी मतों से विजेता बनेंगे।भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने दो दिन पहले टिकट जारी किए। इसमें बांसगांव की लोकसभा सीट पर चौथी बार कमलेश पासवान को प्रत्याशी बनाया। टिकट की घोषणा होने के बाद उसी शाम को कमलेश गोरखनाथ मंदिर पहुंचे और गुरू गोरखनाथ का आशीर्वाद लिया। गोरखपुर दौरे पर आए सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मिलकर आशीर्वाद लिया।