नोएडा। अमिताभ कांत कमेटी की सिफारिशों के लागू होने के बाद सात बिल्डरों ने प्राधिकरण को रुके प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए सहमति दी है। पांच बिल्डर ने पहली किस्त के रूप में 25 फीसदी धनराशि प्राधिकरण में जमा कर दी है, जबकि दो ने 60 दिन का समय अपनी लिखित सहमति देने के बाद मांगा है। इससे करीब 1084 खरीदारों को उनके फ्लैट मिलने और रजिस्ट्री का रास्ता खुल गया है। मंगलवार को सीईओ लोकेश एम. की मौजूदगी में बिल्डर कंपनियों के प्रतिनिधियों ने सहमति पत्र दिए। सीईओ का कहना है कि अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त व चेयरमैन नोएडा प्राधिकरण ने छह जनवरी को रुके हुए रीयल एस्टेट प्रोजेक्टों को लाभ देने के लिए बिल्डरों के साथ बैठक की थी। इसमें 21 दिसंबर 2023 के शासनादेश के मुताबिक, भूखंड की देय धनराशि का 25 प्रतिशत 60 दिन में और शेष 75 प्रतिशत धनराशि का भुगतान साधारण ब्याज के साथ किस्तों में किए जाने के बारे में बताया था। जीरो पीरियड का लाभ भी इस दौरान बिल्डरों को गणना कर बता दिया गया था। प्राधिकरण में जिन बिल्डरों ने सहमति देते हुए 25 फीसदी धनराशि जमा कर दी है। उनमें आईआईटीएल निम्बुस प्राइवेट लिमिटेड, कैपिटल इंफ्राप्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, डिवाइन इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, एचआर ओरैकल डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, एम्स आरजी एंजल प्रोमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। जिन प्रोजेक्टों के लिए सहमति दी गई है वहां अब फ्लैटों की रजिस्ट्री कराई जा सकेगी। वहीं, सनशाइन इंफ्रावेल प्राइवेट लिमिटेड और गुलशन होम्स एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने सहमति देते हुए 60 दिन में 25 फीसदी धनराशि जमा कराने के लिए कहा है। इसके बाद इन दोनों के भी फ्लैटों की रजिस्ट्री नोएडा प्राधिकरण शुरू करा देगा।