गोरखपुर। मकर संक्रांति के साथ ही सोमवार को खरमास समाप्त हो गया। मंगलवार से मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 24 वर्षों बाद इस बार मई और जून में विवाह सहित किसी तरह के भी मांगलिक कार्य नहीं होंगे। मांगलिक कार्यों के लिए शुभ ग्रह माने जाने वाले गुरु और शुक्र के अस्त होने से मई और जून में कोई भी विवाह मुहूर्त नहीं है। वाराणसी से प्रकाशित हृषीकेश पंचांग के अनुसार, जनवरी से जुलाई के बीच इस वर्ष विवाह के 48 शुभ मुहूर्त हैं। इसमें सबसे अधिक शादियां फरवरी माह में होंगी। इस वर्ष 24 वर्ष बाद लोग ग्रीष्मकाल में विवाह नहीं कर सकेंगे, क्योंकि मई और जून में एक भी दिन विवाह मुहूर्त नहीं है। पंडित शरद चंद्र उपाध्याय के अनुसार, इस साल मई और जून में एक भी दिन विवाह मुहूर्त नहीं रहेगा। इसकी वजह गुरु और शुक्र ग्रह का अस्त होना है। उन्होंने बताया कि विवाह के लिए सबसे जरूरी ग्रह शुक्र 29 अप्रैल को अस्त हो जाएंगे। वहीं शुभ कार्यों को संपादित करने के आवश्यक ग्रह गुरु भी छह मई को अस्त हो रहे हैं। तीन जून को गुरु और 28 जून को शुक्र के उदय होने के बाद जुलाई में विवाह मुहूर्त की शुरुआत होगी, जो 15 जुलाई तक चतुर्मास लगने तक रहेगी। पंडित बृजेश पांडेय ने बताया कि ऐसी स्थिति वर्ष 2000 में बनी थी, तब भी मई और जून में कोई विवाह मुहूर्त नहीं था। ये हैं विवाह मुहूर्त जनवरी – 16, 17, 20, 21, 22, 27, 28, 29, 30, 31 फरवरी – 01, 02, 04, 05, 06, 07, 08, 12, 13, 17, 18, 19, 23, 24, 25, 26, 27, 28, 29 मार्च – 01, 02, 03, 04, 05, 06, 07, 11, 12 अप्रैल – 18, 19, 20, 21, 22 जुलाई – 9, 11, 12, 13, 14