आगरा। भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और फतेहपुर सीकरी के सांसद राजकुमार चाहर ने बोदला की करोड़ों की जमीन के विवाद में अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि चौकीदार रवि कुशवाह को पहले से मैं नहीं जानता था। जब मुझे निर्दोष लोगों को जमीन प्रकरण में जेल भेजे जाने की जानकारी हुई तो मैं उसे न्याय दिलाने के लिए आगे आया। क्योंकि मेरे पिताजी चौकीदार थे, इसलिए मेरी सहानुभूति रवि कुशवाह के साथ हुई। मेरा जमीन प्रकरण से कोई लेना देना नहीं। जिसकी जमीन है वह उसे कंधे पर उठा कर ले जाए। मेरा बस एक ही उद्देश्य था पीड़ित को न्याय दिलाना। तत्कालीन कमिश्नर, मुख्यमंत्री और गृह सचिव तक से इस मामले में पीड़ित पक्ष की पैरवी की। अगर किसी पीड़ित को न्याय दिलाने में कोई मुझ पर उंगली उठाता है तो उसकी कोई गलत मंशा रही होगी। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा की जमीन से उनका कोई लेना-देना नहीं है। मनोज यादव कौन है न तो आज तक मैं उससे मिला, ना हीं मैं उसे जानता हूं। इस मामले की किसी भी स्तर से जांच कर ली जाए। किसी ने मेरा नाम लेकर क्या टिप्पणी की, मैं इस पर भी कुछ नहीं कहूंगा, क्योंकि मेरा कोई गलत उद्देश्य नहीं था। मुझे यह भी नहीं मालूम है कि मामले में कौन लोग शामिल हैं। कमल चौधरी को मैं ऐसे ही जानता हूं जैसे कि आप जानते हैं। मेरा उद्देश्य पीड़ित व्यक्ति के साथ चट्टान की तरह खड़ा होना और उसे न्याय दिलाना है। इसमें किसी तरह की राजनीति और दुर्भावना मेरे अंदर नहीं है। फतेहपुर सीकरी सीट पर विवाद के मामले में उनका कहना था की कौन कहां क्या भूमिका निभाएगा। हमारे यहां पार्टी तय करती है। किसी के फतेहपुर सीकरी में आने जाने से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। लोकसभा चुनाव में वहां की जनता ने मुझे सबसे ज्यादा वोट शेयर से जीत कर लोकसभा में भेजा था। यह वोट मुझे नहीं कमल निशान और मोदी जी को मिला था। मैं पार्टी का सिपाही हूं और पार्टी के लिए काम करता रहूंगा।