शाहजहांपुर। एस.एस. कॉलेज के वाणिज्य विभाग में शोध छात्रों तथा एम.कॉम. के छात्रों को शोध प्रस्ताव तैयार करना सिखाने हेतु सात दिवसीय कार्यशाला का प्रारंभ हुआ । कार्यशाला के मुख्य अतिथि हिंदू कॉलेज, मुरादाबाद के वाणिज्य संकायाध्यक्ष प्रो. एन. यू. खान ने बोलते हुए कहा कि शोध उपाधि तालीम की सबसे ऊंची उपाधि है इसे केवल आभूषण के रूप में नाम की सुंदरता बढ़ाने के लिए नहीं लेना चाहिए अपितु इस उपाधि को प्राप्त करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि शोध कार्य समाज के लिए उपयोगी हो। छात्रों को समसामयिक समस्याओं को लक्ष्य करके शोध कार्य करना चाहिए ताकि उससे प्राप्त निष्कर्ष समस्याओं के समाधान में सहायक हो। कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि उच्च कोटि का शोध ही समाज तथा राष्ट्र की उन्नति का आधार होता है। औद्योगिक क्षेत्र में भी शोध कार्यों का अत्यधिक महत्व है। आजकल प्रत्येक उद्योग में शोध एवं विकास विभाग खोला जाता है जो बाजार में नए-नए उत्पाद लाने का कार्य करता है। डॉ. कमलेश गौतम के संचालन में हुई कार्यशाला का शुभारंभ स्वामी शुकदेवानंद सरस्वती जी के चित्र पर पुष्पांजलि से हुआ। आँचल अग्रवाल, नबा और मुस्कान भारती ने चंदन तिलक से अतिथियों का स्वागत किया। कार्यशाला में रोहिलखंड विश्वविद्यालय बरेली के 18 शोध छात्रों सहित 100 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में प्रो. देवेंद्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम के आयोजन में डॉ. गौरव सक्सैना, डॉ. अजय कुमार वर्मा, डॉ.संतोष प्रताप सिंह, डॉ. सचिन खन्ना, अखंड प्रताप सिंह, दिव्यांश मिश्रा, देव सिंह कुशवाहा, यशपाल कश्यप आदि का योगदान रहा।