अलीगढ़। ठंड बढ़ने के साथ ही हृदय रोगियों की संख्या बढ़ने लगी है। एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज के हृदय विभाग में जनवरी के पहले सप्ताह में 60 एंजियोप्लास्टी हो चुकी है। सर्दी के मौसम में यह संख्या बढ़ी है। सामान्य महीनों में अगर 50 से 60 लोगों की एंजियोप्लास्टी होती है तो सर्दी में यह संख्या 140 तक पहुंच रही है। खास बात यह है कि इसमें 40 फीसदी मरीजों की उम्र 40 वर्ष या उसके आसपास है। हृदय रोग विशेषज्ञ के मुताबिक, अगर थोड़ा एहतियात बरत लिया जाए तो इस खतरे से पार पाया जा सकता है। एएमयू के हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष प्रो. आसिफ हसन ने बताया कि ठंड शुरू होते ही हृदय रोगियों की संख्या बढ़ जाती है। दिसंबर, जनवरी और फरवरी में यह संख्या बढ़ती है। ठंड में सुबह के वक्त उच्च रक्तचाप होता है। धमनियां सिकुड़ जाती है और खून के थक्के जमने लगते हैं। रक्त का प्रवाह रुक जाने से हृदय को आघात पहुंचता है। इसलिए हृदयरोगियों को हृदयाघात का खतरा हो जाता है। सर्दी के महीनों में सामान्य महीनों के मुकाबले 70-80 तक हृदय रोगियों की संख्या बढ़ जाती है। प्रो. आसिफ ने कहा कि जनवरी के पहले सप्ताह में लगभग 60 मरीजों की एंजियोप्लास्टी हो चुकी है। जिसमें 40 फीसदी मरीजों की आयु 40 वर्ष के आसपास है। इसलिए 25-30 वर्ष की उम्र में स्वास्थ्य का परीक्षण कराना शुरू कर देना चाहिए। साथ ही यह भी पता लगाना चाहिए कि कहीं उनके परिवार में मधुमेह, उच्च रक्तचाप या हृदय संबंधी अन्य बीमारियों से कोई ग्रसित तो नहीं रहा। अगर परिवार में पहले से यह बीमारियां हैं तो ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो. आसिफ हसन ने कहा कि व्यक्ति को रोजाना 10 हजार कदम जरूर चलना चाहिए। अगर पैदल नहीं चल पा रहे हैं तो 45 मिनट व्यायाम जरूर करना चाहिए, लेकिन सुबह से लेकर शाम तक काम करने के चक्कर में व्यक्ति न तो पैदल चल पा रहा है और न ही व्यायाम कर पा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को तली-भुनी चीजों से परहेज करना चाहिए।