राष्ट्रीय मध्यान्ह भोजन रसोइया कर्मी वेलफेयर एसोसिएशन की जिला अध्यक्ष तुलसी मौर्य बैठी क्रमिक अनशन पर

बदायूँ। देशभर के सामाजिक, गैर राजनीतिक, शैक्षिक, कर्मचारी, मजदूर, किसान, महिला, संविदा, संगठनों से मांग रहे हैं समर्थन। देशभर में है 25 लाख से अधिक एवं उत्तर प्रदेश में 3,78000 रसोईया कर्मी कार्यरत।विभिन्न प्रदेशों में विभिन्न तरह का मानदेय देय सबसे कम 2000 रुपए उत्तर प्रदेश रसोईया कर्मियों का मानदेय।12 माह काम करने के बावजूद मात्र 10 महीने का मानदेय देती है सरकार।मात्र 50 पैसे प्रति छात्र की दर से आंगनवाड़ी में पंजीकृत छात्राओं का भोजन बनाने के लिए मजबूर कर रही है सरकार।भोजन के अतिरिक्त विद्यालय के अन्य कार्य भी कराए जाते हैं रसोइया कर्मियों से ।प्रधानमंत्री पोषण योजना के अंतर्गत बेसिक के विद्यालय में भोजन पकाने वाली भोजन माताओ का मानदेय विभाग ने पिछले 6 महीने से नहीं भुगतान किया है गुरु पूर्णिमा रक्षाबंधन, हरियाली, ईद, मोहर्रम, बैसाखी, क्रिसमस डे, तीज त्योहार, दीपावली और विक्रम, हिजरी ईसा जैसे नववर्ष 2024 फिकी रहे। हमारे देश में सरकारी संस्थानों में काम करने वाले कर्मियों में सबसे कम मानदेय पाने वाले लोगों में रसोइया कर्मी आते हैं। ये वे कर्मचारी हैं जिन्हे परिषदीय विद्यालयों में मिड डे मील बनाने के लिए नियुक्त किया गया था। इन्हे उत्तर प्रदेश में मात्र 2000 रुपए मानदेय दिया जा रहा है। ये 2000 भी काफी लंबे संघर्ष के बाद किया गया है। इनसे तय काम के अलावा भी तमाम चतुर्थ श्रेणी का काम कराए जाते है। लेकिन इसके बाद भी इन्हे यह अल्प मानदेय भी कभी समय से नही दिया जाता। रुके हुए मानदेय को निकालने में भी रिश्वतखोरी के लिए परेशान किया जाता है। राष्ट्रीय मध्यान्ह भोजन रसोइया कर्मी वेलफेयर एसोसिएशन शाखा बदायूं की जिला अध्यक्ष तुलसी मौर्य ने बताया कि वर्तमान में लगभग 8 माह से रसोइया कर्मियों का मानदेय नहीं दिया गया है। प्रदेश भर के रसोइया कर्मियों के संगठन लगातार मानदेय दिए जाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन विभाग और सरकार कोई सुनवाई करने को तैयार नहीं है। हालांकि कुछ पैसा अभी विभाग के पास आया है। जो कि सभी का एक महीने के मानदेय से कुछ कम है। लेकिन विभागीय अधिकारी आए हुए पैसे को भी रसोइया कर्मियों को नहीं दे रहे हैं। जिला संयोजक डॉ. प्रेमपाल ने कहा हम सभी मानदेय भुगतान की लगातार मांग कर रहे हैं। त्योहार के समय भी मानदेय न दिया जाना शोषण की इंतिहा है।
जिला मंत्री शान्ती देवी ने कहा कि रसोइयों की लंबित मांगों को पूरा नहीं किया गया तो जनवरी माह में जिला मुख्यालय के समक्ष रसोईया प्रदर्शन करने के लिए बाध्य हो रही है। इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार और विभागीय अधिकारियों की है। क्रमिक अनशन में संगीता शर्मा जिला उपाध्यक्ष शांति जिला उपाध्यक्ष सुनीता, ईश्वर देवी,आशा मुन्नी देवी, जलधारा,संगीता, प्रेमवती, सुशीला,राज दुलारी, मोर कली, रामा देवी, सावित्री, सुकमा, रेशमा, सोमवती, जगबीर, गंगा देवी, रामवती, पीतम,रामप्यारी, सरोज, भगवान देवी, दुर्गेश, नन्ही, मोहनलाल , संगीता, राजपाल, रजनीश, रेखा, शीला, कांति, भूरी, तुलसी, कन्यावती, सीमा, पिंकी, कुसमा, गंगा देवी, भगवान देवी, सर्वेषा, सुषमा, बिमला, राधा, मोरकली, मुन्नी देवी, राम दुलारी , सरस्वती, विठोलादेवी, मानमती, अनेक श्री, रामवती, सोमवती, शरबती, पिंकी, मधुबाला, समेत दर्जनों रसोइया मौजूद थे।