पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सुरक्षा एजेंसियां लंबे समय से मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रही हैं। यहां स्वतंत्रता की मांग करने वालों की आवाज दबाने के लिए लोगों का अपहरण और अत्याचार किया जाता है। ऐसे लोगों की मुक्ति के लिए अब विश्व मंच पर भी आवाज उठने लगी है। बलूच नेशनल मूवमेंट ने बलूचिस्तान में पाकिस्तान के अत्याचार को उजागर करने के लिए जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र (UN) मानवाधिकार परिषद के 54वें सत्र के दौरान प्रदर्शनी लगाई है। तीन दिन तक चलने वाली प्रदर्शनी में बलूचिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघन को दर्शाने का प्रयास किया गया है। प्रदर्शनी में पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा कथित रूप से अपहृत, प्रताड़ित और मारे गए लोगों के चित्र लगाए हैं। बलूच नेशनल मूवमेंट की मानवाधिकार शाखा के मीडिया समन्वयक जमाल बलूच ने कहा कि हमने बलूचिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघन को उजागर करने का प्रयास किया है। यह क्षेत्र नरसंहार का सामना कर रहा है। लोगों को जबरन गायब किया जाता है, सामूहिक रूप से दफनाया और हेलीकाप्टरों से गोलीबारी की जाती है। प्रदर्शनी में गरीबी और भुखमरी को भी उजागर किया गया है।