अयोध्या में राम मंदिर की सीढ़ियां एवम सिंह द्वार लगभग तैयार
अयोध्या। भगवान राम लला के मंदिर के निर्माण का कार्य अब और तेजी पकड़ रहा है । अब मंदिर के प्रथम तल की सीढ़ियां एवम सिंह द्वार भी बन गया है। प्रथम तल का कार्य भी तेजी से हो रहा है ताकि जनवरी वर्ष 2024 में मकर संक्रांति के बाद रामलला की विधि विधान से गर्भगृह में स्थापना का कार्य पूरा हो जाए। उपरोक्त कार्य क्रम में प्रधानमंत्री सहित साधु संतो को भी विधिवत निमंत्रण देने की प्रक्रिया पर मंथन होकर कार्य चल रहा है। राम पथ के निर्माण सहित मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी बैठक कर हर पहलू पर गंभीर मंथन कर रूपरेखा तैयार हो रही है ताकि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रतिदिन अयोध्या आने वाले लाखो राम भक्तो को वाहन पार्किंग, भोजन, रहने में कोई समस्या नहीं हो। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने गत दिवस मंदिर निर्माण की ताजा फोटो भी जारी कर दी हैं । श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय के अनुसार अयोध्या में राम मंदिर का सिंह द्वार भी लगभग बन गया है। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय की और से मीडिया को बताया गया की राजस्थान के भरतपुर के वंसी पहाड़पुर के गुलाबी पत्थर से बनाए गए इस सिंह द्वार में नागर शैली वाली कला में फूल-पत्ती को उत्कीर्ण किया है। सिंह द्वार के दोनों तरफ देवी- देवताओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं। सिंह द्वार राम मंदिर का मुख्य द्वार है। राम मंदिर के गर्भग्रह वाला दरवाजा भी सोना जडिट होगा। अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 16 से 24 जनवरी 2024 के बीच होनी प्रस्तावित है। महासचिव चंपत राय ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा की तिथि धीरे-धीरे पास आ रही है। ऐसे में काम पूरा करने के लिए निर्माण कार्य में लगेकारीगरों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। जिला प्रशासन के अनुसार राम मंदिर के राम पथ का निर्माण कार्य भी तेजी से हो रहा है। रेलवे एवम रोडवेज वस स्टेशन को भी नया रूप मिल गया है। राम मंदिर से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर मंदिर संग्रहालय भी बनाने की तैयारी है। इसके लिए जिला प्रशासन ने 25 एकड़ जमीन राम मंदिर के पास ही के चार स्थानों पर खोज ली है। यह मंदिर संग्रहालय निर्माण की अलग-अलग शैली समेत देश भर के मंदिरों की शैली पर अध्ययन करने में मदद करेगा। इस मंदिर संग्रहालय में अलग-अलग शैली के बने मंदिरों को प्रदर्शित किया जाएगा। उसमे मंदिर की विशिष्टता वाली वास्तुकला, निर्माण प्रक्रिया आदि को अलग -अलग माध्यमों से समझने के लिए गलियारा बनेगा। अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर का बीते दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने रामलला के समक्ष माथा टेका था। बाद में निर्माण कार्य एवम अयोध्या में चल रही विकास योजनाओं पर अधिकारियों से भी चर्चा की। राम मंदिर का निर्माण कार्य में भूतल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। श्रीराम भक्तों के लिए विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने अपने ट्वीटर हैंडल से फोटो जारी करके निर्माण कार्य की समय समय पर जनता को जानकारी भी देते है। भगवान राम लला मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में बताया कि गर्भ गृह में रामलला की भव्य मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का स्थान पूरी तरह से तैयार हो गया है। न्यास के महासचिव चंपत राय के अनुसार 16 से 24 जनवरी 2024 में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम मंदिर में भक्तों के दर्शन के साथ-साथ मंदिर का निर्माण कार्य भी चलता रहेगा और इससे किसी प्रकार का अवरोध उत्पन्न नहीं होगी। इस मंदिर परिसर में बन रहे पांच मंदिर का भी तेज गति से निर्माण हो रहा है जिसने शिव मंदिर के लिए मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में बहने वाली नर्मदा नदी से प्राकृतिक शिवलिंग को लाया जाएगा। एक ट्रस्ट तो सोने का शिवलिंग भी देने को तैयार है । सोशल मीडिया पर मिली जानकारी के अनुसार राम मंदिर के पुजारियों के लिए भी प्रदेश सरकार एक नीति बनाने पर विचार कर रही है ताकि पुजारियों को भी सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल सके। स्मरण रहे अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में भगवान राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह मकर संक्रांति उपरांत 16 से 24 जनवरी 2024 तक संभावित है। जिसके बाद से प्रतिदिन 10 से 12 घंटे तक राम मंदिर खुलेगा। मंदिर परिसर में रामलला की बाल स्वरूप में 51 इंच की खड़े हुए स्वरूप में मूर्ति के रामभक्त लगभग 30 से 35 फीट दूर से दर्शन प्राप्त कर सकेगे। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की और से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अभी से ही कार्यक्रम में आने का निमंत्रण भेजा भी जा चुका है । अयोध्या के श्री राम मंदिर में रामलला मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए लगभग 5 हजार लोगों को शामिल करने की तैयारी पर मंथन हो रहा है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद से 10 से 12 घंटे मंदिर खुलेगा। प्राण प्रतिष्ठा के बाद से रोजाना 1 लाख श्रद्धालुओं के मंदिर में दर्शन करने की संभावना है। राम भक्तो की भीड़ को देखते हुए 4 लाइनों की व्यवस्था रहेगी। राम भक्तो को 30 से 35 फीट दूर से अपने आराध्य के दर्शन करने होंगे। प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में सभी कार्यक्रम जमीन पर ही धार्मिक परंपरागत रूप से होंगे। तारीख तय होने पर कई दिन तक प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम चलेगा। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं संघ से जुड़े सभी संगठन के बड़े नेता भी आमंत्रित किए जाएंगे। रामलला की बाल स्वरूप में 51 इंच की खड़े हुए स्वरूप में मूर्ति पर सूर्य की किरण रामनवमी पर उनके मस्तक पर मध्यान्ह में पड़ेगी। मंदिर परिसर में लगाई जाने वाली भव्य टी वी स्क्रीनों के जरिए भी भक्त अपने आराध्य के दर्शन पा सकेंगे। वैष्णो देवी एवम अमरनाथ की तरह ही अयोध्या के राम मंदिर में मंदिर की तरफ से ही प्रसाद मिलेगा। प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या आए रामभक्तो को कुछ समय तक भंडारा प्रसाद की व्यवस्था भी कुछ धर्मावलम्वियो की और से अयोध्या में की जाएगी । अयोध्या में प्रभु राम का भव्य मंदिर में भूतल का कार्य पूर्ण हो गया है । भगवान राम के भक्तों को मंदिर के बनने का लंबे समय से प्रतीक्षा थी। अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर प्रथम द्वितीय तल के निर्माण का कार्य भी तेजी से चल रहा है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने मंदिर के द्वितीय तल के निर्माण की विहंगम फोटो मीडिया को जारी किए गए हैं। इन फोटो में प्रथम तल के ऊपर द्वितीय तल के लिए पिलर पर छत का निर्माण कार्य भी होता दिखाई दे रहा है।
रामलला के बाल स्वरूप की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर को दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया जाएगा। हालांकि मंदिर के अन्य भागों का निर्माण कार्य 2025 तक जारी रहेगा। राम जन्मभूमि परिसर में तीन मंजिला मंदिर समेत समस्त निर्माण कार्य 2025 तक पूरा होना है । इसी के साथ अयोध्या में चल रहे विकास कार्य भी पूरी तरह आकार ले लेंगे जिसमे रेल स्टेशन, परिक्रमा पथ आदि भी है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को पूरे देश में सर्वाधिक बड़ा बनाने की तैयारी है। इस कार्यक्रम के दौरान राम मंदिर में पुष्प वर्षा कराने और पूरे शहर को मिट्टी से बनाये दीप से शहर को जगमग किए जाने की योजना है। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय के अनुसार न्यास की बैठक में निर्माण कार्यों की लगातार समीक्षा होती है । यह भी कहा कि भगवान राम लला के निर्माणाधीन मंदिर में आजकल वहां लगे स्तंभों में मूर्तियां उकेरने का काम तेजी से हो रहा है। नवंबर माह तक सभी खंभों में मूर्तियां उकेरी जानी हैं। इसको लेकर भी चर्चा हुई। राम मंदिर के दरवाजे के लकड़ी के फ्रेम बनाने एवम दरवाजों में नक्काशी का काम भी हैदराबाद की कंपनी कर रही है। तमिलनाडु के कन्याकुमारी के कारीगर दरवाजों में नक्काशी का काम कर रहे हैं। चंपत राय ने बताया कि 2 सालों में पता चलेगा कि मंदिर निर्माण में सभी राज्यों का किसी न किसी प्रकार का योगदान है। बैठक में कहा गया कि श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्यगण भी मंदिर निर्माण की प्रक्रिया पर नजर रखे हुए हैं। सुरक्षा व्यवस्था को भी चाक चौबंद बनाने को सरकार एवम जिला प्रशासन मुस्तैदी से लगा हुआ है ।