नई दिल्ली। रक्षाबंधन के धागों का इंसानी रिश्तों के लिए क्या महत्व हैं, इसका अंदाजा इन तस्वीरों से लगाया जा सकता है। अपने घर से कोसो दूर इलाज कराने दिल्ली के एम्स आई ये वो बहनें हैं, जो रक्षाबंधन के इस बेहद खास मौके पर अपने भाइयों के साथ नहीं हैं। लेकिन समाजसेवी संतदेव चौहान ने इन बहनों को निराश नहीं होने दिया और एम्स अस्पताल के बाहर फुटपाथ किनारे मौजूद उन गरीब बहनों के पास जा पहुंचे, ताकि वो राखी के मौके पर अपने भाई की कमी ना महसूस कर सके, संतदेव चौहान ने यहां उन बहनों से राखी बंधवाई, उन्हें उपहार दिया और मिठाई खाया और खिलाया। प्यार और खुशियों के इस मौके पर छोटी बच्चियों को संतदेव ने आर्शीवाद दिया और बड़ों से आर्शीवाद लिया, एम्स अस्पताल के फुटपाथ किनारे मौजूद इन बहनों को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि कोई फरिश्ते की तरह उनके पास आएगा और मुश्किल की इस पल में उन्हें ढेर सारी खुशियां दे जाएगा। रक्षाबंधन का ये मौका तब और खास हो गया जब संतदेव चौहान ने बताया कि जल्द ही एम्स परिसर के कम्युनिटी हॉल में विश्रामालय का निर्माण हो जाएगा, जिसकी नींव एम्स के मौजूदा डायरेक्टर एम श्रीनिवासन ने रखी है और तब फिर इलाज कराने आए लोगों को सड़कों किनारे फुटपाथ पर वक्त नहीं बिताना पड़ेगा, हालांकि एम्स के डायरेक्टर श्रीनिवासन को अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए बहुत विरोध का भी सामना करना पड़ा, लेकिन गरीबों के लिए उन्होंने सभी विरोधों को दरकिनार कर ये सपना साकार किया। सामाजिक कार्यकर्ता संतदेव चौहान के लिए इस बार रक्षा बंधन का ये पर्व तब और खास हो गया, जब हिंदुस्तान के कोने-कोने से उन बहनों का उन्हें प्यार मिला, जिनका उनसे खून का तो रिश्ता नहीं लेकिन खून के रिश्तों से ज्यादा अहमियत रखता है, यही वजह है कि उन बहनों ने संतदेव के लिए राखी भेजा और उनके खुशियों और लंबी उम्र की दुआए मांगी। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है, जब सामजिक कार्यकर्ता संतदेव चौहान ऐसे निराश चेहरों पर खुशियां ले आएं हैं, अक्सर लाचार, गरीब, बेसहारा, मजबूर और मरीजों के बीच वो पहुंचते हैं और उनके साथ वक्त बिताते हैं, क्योंकि ऐसा करने ही उन्हें सुकून मिलता है।