बरेली के पांचाल महोत्सव में बिखरे इंद्रधनुषी रंग

बरेली। बरेली में 37 वें पाँचाल महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां मंचित हुईं जिनका दर्शकदीर्घा में मोजूद दर्शकों ने भावविभोर होकर आनंद लिया। मंच से कबीर पुरस्कार विजेता स्वर्गीय जे सी पालीवाल को याद कर उन्हे नमन भी किया गया। स्थानीय संजय गाँधी कम्युनिटी हॉल में जिला समारोह समिति और ऑल इंडिया कल्चरल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में स्वतंत्रता दिवस पर होने वाले कार्यक्रम के प्रथम सत्र में चित्रकला प्रतियोगिता, देशभक्ति गीत, लोकगीत, लोकनृत्य आदि की प्रस्तुतियां दी गई जिसमें चित्रकला प्रतियोगिता में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की प्रिया राठौर प्रथम, द्वितीय स्थान पर इसी विद्यालय की छात्रा वृद्धि सिंह रहीं। के. पी. आर. सी. कला केंद्र की कुमुद तृतीय, इस्लामियां बालिका इंटर कॉलेज की कनीज फात्मा चतुर्थ, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की सुमन पंचम तथा इस्लामियां बालिका इंटर कॉलेज की मंतशा खान छठे स्थान पर रहीं।गायन में जूनियर फीमेल वर्ग में युक्ति प्रथम तथा योगिता सिसोदिया द्वितीय रहीं। सिनियर फीमेल में कनिष्का प्रजापति प्रथम, वर्षा मौर्य द्वितीय, मेल में बिट्टू प्रथम, अफजल द्वितीय रहे।नृत्य प्रतियोगिता में प्राइमरी सोलो में नव ज्योति की आकांशा कश्यप प्रथम व बूगी जोन की सानवी द्वितीय,प्राइमरी डुएट में श्लोक/वान्या (बूगी जोन) प्रथम,फीमेल जूनियर सोलो में राजपूत डांस एकेडमी की अर्जिता प्रथम बूगी जोन की आरोही सिंह फिल्मी डांस में द्वितीय, कनिष्का तृतीय, देशभक्ति नृत्य में स्वामिक वशिष्ठ बूगी जोन प्रथम,

अरीमा आनंद द्वितीय,चाहत सक्सेना तृतीय, सेमी क्लासिकल में बंदगी कौर बूगी जोन प्रथम, सुधिति प्रजापति द्वितीय, सोलो फीमेल सिनियर में साक्षी प्रथम, मुस्कान पाण्डेय द्वितीय, मेल जूनियर सोलो फिल्मी नृत्य में आरुष तोमर प्रथम, उत्कर्ष द्वितीय, प्रिंस गौतम तृतीय, देशभक्ति नृत्य में अहान राठौर प्रथम, सीनियर मेल देशभक्ति गीत में तेजस सक्सेना प्रथम, राज साहू द्वितीय, फिल्मी नृत्य में यश राजपूत प्रथम, अंकुश द्वितीय, अजीत मिश्रा तृतीय, जूनियर समूह नृत्य में बूगी जोन प्रथम, देशभक्ति में एस. आर. जे. प्रथम, आर. डी.एक्स. द्वितीय, धार्मिक नृत्य में ए. बी. सी. प्रथम, सीनियर समूह फिल्मी नृत्य में रोहित ग्रुप प्रथम, जूनियर डुएट धार्मिक नृत्य में शिवांगी/शिवानी प्रथम, डुएट नृत्य में अनन्या/आध्या प्रथम, आरोही/सानवी द्वितीय, सानवी/वैष्णवी तृतीय तथा सीनियर समूह नृत्य में मोहित/ललित प्रथम रहे। संस्था के पदाधिकारियों ने विजेताओं को पुरस्कृत किया।निर्णायक मंडल में हरजीत कौर, बिलाल मासूम और नाहिद बेग ने भूमिका निभाई।द्वितीय सत्र में असंगत विधा के महान नाटककार भुवनेश्वर प्रसाद के लिखित व हंसराज विकल द्वारा निर्देशित चर्चित नाटक सिकन्दर का जबरदस्त व सफल मंचन शाहजहांपुर की संस्था टैलेंट मेकर नाटय कला समिति के बैनर तले किया गया। नाटक देख दर्शक व कलाप्रेमी भावविभोर हो उठे। पूरा हॉल तालियों की आवाज से गूंज उठा। नाटक में सिकन्दर की भुमिका निभाने वाले अनिल कुमार ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया। नाटक में अघोरी, डायोपिडियस व ब्राह्मणियों के पात्रों ने दर्शकों काफी आकर्षित किया। नाटक के पात्रों की वेशभूषा भी आकर्षण का केन्द्र रहीं। नाटक में दिखाया गया कि सिकन्दर महान, फिलिप का पुत्र ( मेसेडोनिया) ग्रीक का शासक विश्वविजय की कामना और सपना संजोए यूनान के रास्ते भारत में प्रवेश करता है। भारत आकर सारे रजवाड़े जीतकर मूर्तियां मन्दिरों और सभ्यताओं को एक एक कर नष्ट करता चला जाता है। अपनी क्रूरता से वह भारतवासियों की बड़ी निर्दयता से हत्या कर और मौत का भय दिखाकर अपना गुलाम बना लेता है। उसकी क्रूरता का दंश महिलाओं को भी झेलना पड़ता है। उसने सोचा कि राजा तो भगवान का ही रूप होता है और यह सोच वो भारत में भी स्थापित करना चाहता है। सिकन्दर द्वारा भारत के मन्दिरों, मूर्तियों को नष्ट करने का विरोध यहां के राजाओं, ब्राह्मणों, ऋषियों और भारत वासियों द्वारा डटकर किया गया। और उसे भगवान मानने से अस्वीकार कर दिया गया। ब्राह्मण, और ऋषियों की अपने ईश्वर के प्रति अटूट आस्था और सम्मान देखकर सिकन्दर कुंठित, हताश और निराश होकर भारत से वापस लौट जाता है। कार्यक्रम का संचालन सुनील धवन ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से राजीव शर्मा टीटू, सय्यद सिराज अली, देवेन्द्र रावत, गोविंद सैनी, मो.नबी, दिनेश पालीवाल, प्रदीप मिश्रा, पवन कालरा, हिमांशु सक्सेना, अलका मिश्रा, राजेन्द्र गंगवार, रोहित राकेश, दिलशाद, मेराज, रवि सक्सेना, प्रशांत, आकाश, दीपक, शीतल, प्रियंका, स्नेहा, वेदप्रकाश, आशीष रावत आदि का सहयोग रहा। निर्भय सक्सेना