बदायूं क्लब में काव्य धारा काव्य गोष्ठी में गीत, ग़ज़ल और कविता की धारा में श्रोता ने लगाई डुबकी
बदायूं। बदायूं क्लब द्वारा क्लब सभागार में आयोजित काव्य धारा में जनपद के श्रेष्ठ कवियों ने अपने गीतों, ग़ज़ल और कविताओं से आयोजन में समां बांध दिया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिल्सी विधायक हरीश शाक्य ने बदायूं क्लब में मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा, बदायूं अपनी साहित्यिक विविधता और समृद्धता के कारण विश्व प्रसिद्ध है। युवा पीढी भी इस के गौरव को बढा रही है। और इसमें बदायूं क्लब का विशेष योगदान सदैव रहेगा। सरस्वती वंदना कुमार आशीष ने प्रस्तुत की।

- कवि कुलदीप अंगार ने कहा
लगता कोई भेद नहीं अब
अर्जुन और शिखंडी में।
सृजन और संघार एक हैं
पांचाली रण चंडी में। कवि डा. उपदेश शंखधार ने कहा।
मानव तो निर्दोष है मानव की क्या औकात।
पतन कभी उन्नति कभी समय समय की बात।।
संयोजक डा अक्षत अशेष ने कहा,
झूठ, दगा मक्कारी चलती सब कुछविना अदव चलता है, राजनीति में सब चलता है।
कवि दत्त शर्मा ने कहा
गर अमल की मंजिलों में बेखता ही जायेगा ।
आदमी क्यूं कर रहेगा देवता हो जायेगा।। कवि डा. गीतम सिंह ने कहा
सर से साया उठा पिता का अब पछताकर क्या होगा।
कौन सुनेगा मेरी पीड़ा और सुना कर क्या होगा।।
कवि भारत शर्मा जी ने कहा।
सौ – सौ रंग पहन लो तन पे।
सारे फैशन खत्म कफ़न पे।।
कवि कुमार आशीष ने कहा।
जब दरिया में पानी कम हो जाता है।
शोर भंवर का खुद मद्दम हो जाता है।।

डा राम बहादुर व्यथित ने कहा,
खून से भीगी कोई कहानी लिखो
उन शहीदों की जोश-ए-जवानी लिखो
न्याय ऐसा लिखो न्याय सा जो लगे
दूध को दूध पानी को पानी लिखो
- कवि डा. अरविंद धवल ने कहा।
तरुणाई को झूलते देखा जो एक बार।
कक्का देखो मांगते योवन आज उधार।।
कवि चंद्रपाल सिंह सरल ने कहा।
जमी से कौन जुडना चाहता है।
जिसे देखो वो उड़ना चाहता है।।
कवि नरेन्द्र गरल ने कहा।
सत्य बोलना कठिन काम है।
अधर खोलना कठिन काम है।।
इस अवसर गोष्ठी के अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ रोटेरियन सुभाष अग्रवाल, जेल अधीक्षक विनय कुमार, डा एस के गुप्ता, दीपक सक्सेना, रविंद्र मोहन सक्सेना, डा भास्कर शर्मा, उपेंन्द्र गुप्ता, अभिषेक मिश्रा, दिनेश वर्मा, सौरभ शंखधार, अभिषेक उपाध्याय, डा कमला माहेश्वरी, अंजलि सिंह, इजहार अहमद, नंदकिशोर, आसिम पेंटर, आदित्य श्रोत्रिय, अभिनव सारस्वत, दिनेश गुप्ता, डा जीवन रा, डा मुन्ना वरुण, मिथिलेश कुमारी, इकबाल असलम, आदि उपस्थित रहे। संचालन अभिषेक अनंत ने आभार डा अक्षत अशेष ने व्यक्त किया।




















































































