बिल्सी। जिले में फसलों की सिंचाई के लिए कभी फायदेमंद साबित होने वाली जीवनदायिनी भैंसोर नदी के लिए अब भूमाफिया एक अभिशाप बनकर रह गए हैं। इसका नजारा संभल से लेकर फर्रुखाबाद तक देखा जा सकता है। नदी का फांट काफी सिमट गया है। कब्जा करने वालों ने नदी के फांट को खेतों में मिला दिया है तो कहीं भूमाफियाओं ने इस पर कॉलोनी के लिए भूखंड भी काट दिए है। यहां तो प्रशासन पूरी तरह से अपनी आंखों को मूदें पड़ा हुआ है। पूर्व में इस नदी को जीवित करने को लेकर कई बार इसका मामला उठाया गया है। लेकिन आज तक इस दिशा में कोई भी काम शुरु नहीं हो सका है। जानकार बताते है कि जिले में भैंसोर नदी तहसील क्षेत्र बिसौली, बिल्सी और बदायूं सदर से होकर गुजरती है। बदायूं-दिल्ली और बरेली-मथुरा हाईवे पर इसके ऊपर दो पुल बने हैं। पिछले साल दोनों हाईवे के चौड़ीकरण का काम शुरू हुआ तो पुलों का जीर्णोद्रधार होने लगा। पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने नदी में पानी के बहाव की संभावना के तहत पुलों को फोरलेन की चौड़ाई के अनुरूप काम को आगे बढ़ाया, लेकिन प्रशासन स्तर से भैंसोर नदी को कब्जा मुक्त कराने के लिए कवायद शुरू नहीं की गई। भैंसोर का अपना कोई जलस्रोत नहीं है, बारिश का पानी इसी नदी से होकर गुजरता है। कब्जे की हकीकत पर गौर करें तो बिसौली तहसील में इस्लामनगर से लेकर सदर में कादरचौक से आगे तक भैंसोर के फांट पर फसलें उगाई जा रही हैं। कई जगह को किसानों ने इसको काट कर अपने खेतों में मिला लिया है। बिल्सी में तो भैंसोर पर कब्जा करने वालों ने पक्के मकान भी बना रखे हैं। भूमाफियों ने कॉलोनी बनाने के लिए यहां कई भूखंड काट रखे है। इधर, बाढ़ खंड के अफसरों की मानें तो भैंसोर को पुनर्जीवित करने के लिए सबसे पहले खुदाई की आवश्यकता पड़ेगी। खुदाई भी तब होगी जब पहले उसे कब्जामुक्त कराया जाए। इधर तत्कालीन एसडीएम संजय कुमार सिंह ने नदियों को पुनर्जीवित करने को लेकर जिला बैठक में चर्चा की गई। साथ ही संबंधित नदियों का सर्वे कर इसकी रिपोर्ट मांगी थी है। ताकि नदी को कब्जा मुक्त कराकर इसे पुनर्जीवित किया जा सके।