बाबा विश्वनाथ धाम में लगेगी भक्तों की कतार
वाराणसी। सावन चढ़ने के साथ ही शिव की नगरी पर केसरिया रंगत छाई है। रोजाना एक लाख से ज्यादा बाबा भक्त काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक कर रहे हैं। सावन के पहले सोमवार पर यह संख्या कई गुना बढ़ जाएगी। इसे देखते हुए श्री काशी विश्वनाथ धाम में बाबा के जलाभिषेक के लिए शिवभक्तों की कतार रविवार रात से ही लग जाएगी। शिवभक्तों का स्वागत रेड कारपेट पर होगा। मंदिर के सभी प्रवेश द्वार पर भक्तों की अगवानी पुष्पवर्षा से होगी। मंदिर परिसर के बाहर बैरिकेडिंग लगाई गई है। बाबा के भक्तों को झांकी दर्शन और बाहर से ही जलाभिषेक की सुविधा रहेगी। सावन में शिव की नगरी काशी का वैभव देश ही नहीं दुनिया भी देखेगी। धाम के निर्माण के बाद लगातार दूसरे साल सावन में भक्तों का नया कीर्तिमान बनेगा। सावन का महीना दो माह का होने के कारण श्रद्धालुओं को आठ सोमवार जलाभिषेक के लिए मिलेंगे। वहीं पहली बार भगवान शिव के आठ स्वरूपों के दर्शन भी होंगे। सावन के सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर में मंगला आरती के टिकट ही मिलेंगे। सुगम दर्शन पर पूरी तरह से रोक रहेगी। इसके टिकट भी नहीं मिलेंगे। सावन मास में काशी आने वाले वीआईपी व्यक्तियों को भी दोपहर तीन से पांच बजे तक दर्शन की सुविधा दी जाएगी। इसलिए प्रशासन संभावित वीआईपी को पत्र लिखेगा और निर्धारित अवधि में ही दर्शन पूजन के लिए आमंत्रित करेगा। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में सावन के पहले सोमवार को शिवभक्तों की लंबी कतार लगती है। मंदिर प्रशासन का अनुमान है कि सावन के पहले सोमवार को पांच से सात लाख श्रद्धालु आएंगे। इसके लिए सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं। मंदिर में चारों द्वार से प्रवेश और निकास की सुविधा देने का फैसला लिया गया है। मंदिर परिसर से गंगा घाट तक पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिये श्रद्धालुओं को जानकारी दी जाएगी। मैदागिन से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर तक बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क ई रिक्शा का संचालन किया जाएगा। मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि सावन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। मंदिर के सेवादार और कर्मचारियों को श्रद्धालुओं की सेवा में लगाया गया है। सावन में बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए अधिक से अधिक श्रद्धालु गंगा द्वार से जाएं, इसके लिए कमिश्नरेट पुलिस की ओर से साइनेज बोर्ड लगवाए गए हैं। एसीपी दशाश्वमेध अवधेश कुमार पांडेय ने बताया कि विश्वनाथ धाम आने वाले को श्रद्धालुओं गंगा स्नान के बाद गंगा द्वार के माध्यम से सुगम दर्शन के संबंध में जानकारी देने के लिए गोदौलिया से लगायत दशाश्वमेध घाट होते हुए ललिता घाट तक जगह-जगह लगवाए गए हैं। इसके अलावा गंगा स्नान और भीड़ में बरती जाने वाली आवश्यक सावधानियों के बारे में भी साइनेज बोर्ड में बताया गया है। एसीपी दशाश्वमेध ने कहा कि गंगा द्वार की ओर से श्रद्धालु विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन के लिए जाएंगे तो गोदौलिया से चौक मार्ग पर भीड़ का दबाव कम होगा और सभी को सहूलियत भी होगी।




















































































