आजादी महोत्सव पर हुआ साईकिल रैली का आयोजन

बदायूं। आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव शुक्रवार को जनपद में भव्य रूप से मनाया गया। जिला विकास अधिकारी चन्द्रशेखर एवं जिला विद्यालय निरीक्षक राममूरत राजकीय इण्टर काॅलेज में प्रातः 9 बजे स्काउट, एन0सी0सी0 एवं अन्य विद्यार्थियों सहित 75 साईकिल सवार वालेण्टियर्स की साईकिल रैली का हरी झण्डी दिखाकर शुभांरभ किया। 7500 मीटर यात्रा पूर्ण करने के बाद स्वतंत्रता की साईकिल रैली का 09ः45 बजे पुलिस मैदान के शहीद स्मारक पर समापन हुआ।

बेसिक शिक्षा, माध्यमिता शिक्षा, उच्च शिक्षा के स्कूल, माध्यमिक विद्यालय, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय में गोष्ठी, सेमिनार, निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। भारत की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ 12 मार्च, 2021 से प्रारम्भ होकर 15 अगस्त, 2023 तक अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से समारोहपूर्वक पूरे देश में मनाया जाना है। भारतीय इतिहास में वर्ष 1857 से सतत चले स्वतंत्रता संग्राम के उपरान्त प्राप्त हुई स्वतंत्रता की तिथि 15 अगस्त का अत्यधिक महत्व है। आजादी की 75 वीं वर्षगांठ को पूरे देश में भव्य रुप से मनाये जाने से समस्त देशवासियों सहित स्वतंत्रता के पश्चात जन्म लेने वाली पीढ़ी को उसके गौरवपूर्ण महत्व से अवगत कराया गया। शासन की मंशा के अनुसार विशेषकर युवा पीढ़ी को आजादी की 75वीं वर्षगांठ के भव्य समारोह के माध्यम से राष्ट्रप्रेम एवं राष्ट्रभक्ति की नवीन चेतना से परिपूर्ण करना है।

देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में अहमदाबाद में स्थित साबरमती आश्रम से आजादी महोत्सव की शुरुआत हो गई है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहले अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की और अमृत महोत्सव के शुरुआती कार्यक्रमों का उद्घाटन किया, इसके बाद पीएम मोदी ने देश को संबोधित भी किया। जिसका एलईडी वैन के माध्यम से सजीव प्रसारण दिखाया गया। पीएम ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने से 75 हफ्ते पूर्व ही यह महोत्सव आज प्रारंभ हुआ है और 15 अगस्त , 2023 तक चलेगा। पीएम ने दिल्ली की बारिश का जिक्र करते हुए बताया कि अमृत महोत्सव के प्रारंभ होने से पहले आज देश की राजधानी में अमृत वर्षा भी हुई। अपने संबोधन के बाद पीएम ने आश्रम से नवसारी में दांडी तक जाने वाले 81 पदयात्रियों को झंडी दिखाकर रवाना किया।
पीएम ने अपने संबोधन के दौरान भारत के आगे बढ़ने की प्रेरणा के बारे में बताते हुए कहा कि आइडियाज एट 75, अचीवमेंट्स एट 75, एक्शन एट 75 और रिजॉल्व एट 751 ये पांचों स्तम्भ आजादी की लड़ाई के साथ साथ आजाद भारत के सपनों और कर्तव्यों को देश के सामने रखकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगे। पीएम ने भारत के लोकतंत्र की मजबूती पर बात करते हुए कहा कि हम भारतीय चाहे देश में रहे हों या विदेश में, हमने अपनी मेहनत से खुद को साबित किया है। हमें हमारे संविधान और लोकतांत्रिक परंपराओं पर गर्व है। लोकतंत्र की जननी भारत आज भी लोकतंत्र को मजबूती देते हुए आगे बढ़ रहा है।
मोदी ने स्वतंत्रता संग्राम में संतों की भूमिका याद दिलाते हुए कहा कि आंदोलन की इस ज्योति को निरंतर जागृत करने का काम, पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, हर दिशा में, हर क्षेत्र में, हमारे संतो महंतों, आचार्यों ने किया है। एक प्रकार से भक्ति आंदोलन ने राष्ट्रव्यापी स्वाधीनता आंदोलन की पीठिका तैयार की थी। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए कहा कि 1857 का स्वतंत्रता संग्राम, महात्मा गांधी का विदेश से लौटना, देश को सत्याग्रह की ताकत फिर याद दिलाना, लोकमान्य तिलक का पूर्ण स्वराज्य का आह्वान, सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज का दिल्ली मार्च, दिल्ली चलो का नारा कौन भूल सकता है। पीएम ने गांधीजी के नमक आंदोलन को याद करते हुए कहा कि हमारे यहां नमक को कभी उसकी कीमत से नहीं आंका गया। हमारे यहां नमक का मतलब है ईमानदारी। हमारे यहां नमक का मतलब है विश्वास। हमारे यहां नमक का मतलब है वफादारी। हम आज भी कहते हैं कि हमने देश का नमक खाया है। ऐसा इसलिए नहीं क्योंकि नमक कोई बहुत कीमती चीज है। ऐसा इसलिए क्योंकि नमक हमारे यहां श्रम और समानता का प्रतीक है।
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