बदायूं। सदर तहसील परिसर में सल्फास खाने वाले बुजुर्ग रिटायर्ड तौल लिपिक की बरेली के निजी अस्पताल में रात 2 बजे इलाज के दौरान मौत हो गई है । वही बुजुर्ग ने मौत से पहले तहसील कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे। बदायूं की सदर कोतवाली क्षेत्र के सदर तहसील परिसर में 71 वर्षीय रूम सिंह निवासी नंगला शर्की ने विषाक्त पदार्थ खा लिया था । उनका कहना है कि उनकी जमीन का दाखिल खारिज किसी और के नाम का दिया गया था । जबकि उनका नाम दर्ज था। फिर भी संजय रस्तोगी का नाम चढ़ाया गया । जिसकी शिकायत और पैरवी लगातार कर रहे थे मगर तहसील में सुनवाई न हो रही थी । इसी से क्षुब्ध होकर रूम सिंह ने विषाक्त पदार्थ खा लिया। उनकी हालत गंभीर होने के चलते जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था । लेकर वहीं डॉक्टर ने उनकी हालत को गंभीर देखते हुए बरेली हायर सेंटर रेफर कर दिया है। बुजुर्ग की रात 2 बजे दम तोड़ दिया । किसान रूम सिंह शहर से सटे गांव नगला शर्की के रहने वाले थे । करीब आठ साल पहले रूम सिंह ने अपने सबसे छोटे भाई पूरन सिंह के बेटे कुलदीप और पत्नी मुन्नी देवी से करीब तीन बीघा जमीन का इकरारनामा कराया था । जिसमें उनका करीब 15 लाख रुपया खर्च हो गया था। रूमसिंह लगातार जमीन का बैनामा कराने की कोशिश में थे। इसी दौरान कुलदीप ने चुपके से उसी खेत का बैनामा शहर के संजय रस्तोगी के नाम कर दिया। इस बारे में रूम सिंह को भनक तक नहीं लगी। काफी समय बाद रूम सिंह को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने इस संबंध में सिविल कोर्ट में एक मुकदमा दायर किया जो विचाराधीन है। भतीजे ने दूसरे को बेच दी थी । जमीन का दाखिल खराज के लिए नायब तहसीलदार कोर्ट में पुनर्स्थापना प्रार्थना पत्र की सुनवाई में देरी होने के चलते बुजुर्ग परेशान हो गए थे।।