बदायूँ। गांव वालों ने बदहाल खंडजा उखाड़ कर फिर से बिछाया।खुद कर रहे नालियों और सड़क की सफाई।ग्राम प्रधान की विकास कार्यों में नहीं है दिलचस्पी।महिला प्रधान चौके चूल्हे,घर,गृहस्थी तक सीमित,जेठ कर रहे प्रधानी। यूपी के जनपद बदायू के ग्रामीण इलाको का हाल बद से बदतर होता जा रहा है। प्रधानों की उदासीनता पर गांव वाले अब खुद घरों से निकल कर श्रमदान के माध्यम से सामान्य विकास कार्य करने लगे हैं। फिर भी प्रधानों को शर्म नही आ रही हे। जिन गांव में महिला प्रधान है वहा तो और भी बुरा हाल है। महिला प्रधान घूंघट में हे और उन्हे घर गृहस्थी चौका चूल्हे तक सीमित कर दिया गया हे। उनके पति,देवर,भाई, पिता,जेठ ही गांव की मनमाने ढंग से सरकार चला रहे हैं। ऐसा ही एक मामला मुसाझाग थाने के गांव मोहम्मद नगर सुलहरा का देखने को मिला है,इस गांव को एबिया भी कहा जाता है। इस गांव के ग्रामीणों ने खुद एक मिसाल पेश की है। इस ग्राम पंचायत की प्रधान रिंकी देवी हे, उन्हे घर गृहस्थी,चौका चूल्हा तक सीमित कर दिया गया। उनके जेठ किशन पाल ही प्रधानी चला रहे हे,वही सब काम काज देखते है। करीब दो साल से गांव में विकास कार्य नही हुए हैं, गांव वाले कहते हैं उन्हें कोई दिलचस्पी भी नही है। गांव में जगह जगह गंदगी के ढेर लगे हे, नालिया चोक है,कीचड़ सड़को और लोगो के घरों के सामने बिखरी रहती है, खड़ंजे उखड़े और बदहाल पड़े हैं। गांव में एक सफाई कर्मचारी तैनात हे वह स्कूल,पंचायत घर और प्रधान जी के घर के आसपास ही सफाई कार्य करता। गांव वाले बहुत ज्यादा टोका टाकी करे तो महीने में एक दो बार गांव के एक दो वार्ड में झाड़ू लगा देता है। गांव के वार्ड 11 के लोग बहुत परेशान हो गए,महिला ग्राम प्रधान के जेठ ने भी इंकार कर दिया तो इस वार्ड गली के लोग खुद घरों से निकले और एकजुट होकर श्रमदान में जुट गए। गांव वालो ने बदहाल, टूटे पड़े खंडंजे को खुद उखाड़ा और खुद ही मिट्टी डालकर फिर से बिछा दिया,गांव वालो की मेहनत से खंड्जा चकाचक हो गया। गांव वाले खुद झाडू पंजा लेकर जुटे और सड़क,नाली की खुद सफाई कर डाली, इधर उधर बिखरी कीचड़ और कूड़ा करकट भी बाहर फेंक दिया। गांव वालो ने खुद एक जुट होकर श्रमदान करके अपने वार्ड को चमका कर एक मिसाल पेश की है।