बदायूँ नगर पालिका की पूर्व चेयरमैन दीपमाला के कार्यकाल में पांच करोड़ के डीजल खर्च की जांच के आदेश

बदायूँ। नई चेयरमैन फात्मा रजा ने ईओ को दिए जांच के आदेश, सात दिन में सौंपनी होगी जांच प्रत्येक वर्ष के प्रत्येक माह की आठ बिंदुओं पर होगी जांच इस जांच से खुल सकती है पोल, दर्ज हो सकती है एफ आई आर, अफसर और बाबुओं पर गिर सकती है गाज जांच के आदेश के बाद नगर पालिका में मचा हड़कंप यूपी के जनपद बदायू की सदर नगर पालिका ने पांच वर्ष में पांच करोड़ 33 लाख का डीजल फूंक दिया था। जबकि पानी सप्लाई को नलकूपों पर लगे जनरेटर खराब पड़े रहे,एक दिन भी नहीं चले, रात में बिजली सप्लाई ठप रहने पर स्ट्रीट लाइट जलाने को भी जनरेटर नही चले फिर भी पांच करोड़ 33 लाख का डीजल फूंक दिया गया था।
आपको बता दे कि वर्ष 2017/18 में फातमा रजा चेयरमैन थी,तब उस वर्ष 41लाख 61 हजार का डीजल खर्च हुआ। अगले वर्ष 2018/19 में दीपमाला चेयरमैन बन गई तो उस वर्ष डीजल खर्चा अचानक से दो गुना होकर 81 लाख 16 हजार 982 रुपए पहुंच गया। वहा से घोटाले की आशंका पैदा हुई।
अब एक बार फिर सपा के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री आबिद रजा की पत्नी फातमा रजा चेयरमैन निर्वाचित हुई तो उन्हें पांच साल में पांच करोड़ 33 लाख का डीजल खर्च देख कर झटका लगा। पांच साल में पांच करोड़ 33 लाख का डीजल खर्च का मामला मीडिया में सुखिया में आया। तो चेयरमैन फात्मा रजा ने इन खबरों को संज्ञान में लिया। उन्होंने आज पांच वर्ष में खर्च हुए करोड़ो के डीजल खर्च की प्रत्येक वर्ष और प्रत्येक माह की जांच करने के ईओ को आदेश दिए हे। सात दिन में जांच रिपोर्ट पूरी कर जांच सौंपने के आदेश दिए हे। चेयरमैन फात्मा रजा ने वर्ष 2018/19, 19/20, 20/21, 21/22, वर्ष 22 की जांच करने के आदेश दिए हे।
चेयरमैन ने आठ बिंदुओं पर जांच रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने डीजल का खर्चा किन करण से बढ़ा,उक्त वित्तीय वर्ष में वाहन इंचार्ज,डीजल इंचार्ज कोन था,नाम,पद सहित,कितने वाहन चल रहे थे, वाह किस टाइप के थे, ट्रेक्टर, टेंपी,फैंगिग महीन,जेसीबी आदि, वाहन का चालक कोन था,नाम,चालक,पालिका का या आउटसोर्सिंग का था, किस पेट्रोल पंप से डीजल कार्य किया गया। प्रत्येक माह में डीजल के भुगतान की फाइल पर संस्तुति करने वाले कर्मचारी,अधिकारी का नाम,पदनाम, वाहन चालक के द्वारा ली गई वाहन रसीद पर वाहन इंचार्ज,डीजल इंचार्ज,चालक,पेट्रोल पंप कर्मचारी, डीजल मैनिट्रिंग अधिकारी यदि है तो उसका पदनाम, जेसीबी, नलकूप पर लगे जेनरेटर, फागिंग मशीन पर खर्च डीजल आदि मूमेंट रजिस्टर की छाया प्रति उपलब्ध कराए। प्रत्येक माह की पत्रावली की गहनता से जांच करने के आदेश दिए गए ही।
आपको बता दे वर्ष 2017/18 में फात्मा रजा चेयरमैन थी। तब उस वर्ष 41 लाख 61 हजार 522 रुपए का डीजल एक वर्ष में खर्च हुआ। जनरेटर से नलकूप चले, जनरेटर से स्ट्रीट लाइट जली। अगले वर्ष दीपमाला गोयल चेयरमैन बन गई तो वर्ष 2018/19 में जनरेटर से नलकूप नही चले, रात में स्ट्रीट लाइट जलाने को जनरेटर नही चलाए गए फिर भी एक वर्ष में डीजल खर्चा दो गुना बढ़ कर 81 लाख 16 हजार 982 रुपए पहुंच गया। अगले साल वर्ष 2019/20 में 78 लाख 80 हजार 535 रुपए का डीजल फूंक दिया गया। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि वर्ष 2020/,21 कोरोना काल में सफाई कार्य ठप रहा। कोरोना काल में एक वर्ष में एक करोड़ 11 लाख 17 हजार रुपए का डीजल फूंक दिया गया था। अगले साल फिर कोरोना काल में वर्ष 2021/22 में डीजल खर्च और बढ़ गया,इस वर्ष एक करोड़ 61 लाख 30 हजार का डीजल फूंक दिया गया। वर्ष 2022/23 में 88 लाख 44 हजार 588 रुपए का डीजल खर्च किया गया।