टिकट कटने का नहीं है मलाल, 2200 सड़कों का बिछाया जाल
अलीगढ़। एएमयू छात्रसंघ चुनाव से राजनीति में कदम रखने वाले देश और अलीगढ़ के प्रथम मुस्लिम मेयर मो. फुरकान किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। वह कहते हैं कि उन्हें टिकट कटने का कोई मलाल नहीं हैं। पार्टी उन्हें दोबारा सेवा का मौका जरूर देगी। 2017 के चुनावों में अलीगढ़ के सातों विधायक, दो सांसद की मौजूदगी में भाजपा को चुनाव हराकर मेयर बने मो. फुरकान कहते है कि उन्होंने काफी काम किया है। पांच साल में उन्होंने करीब 2200 सड़कों का निर्माण कराया, जो अभी तक किसी मेयर के कार्यकाल में नहीं हुआ। पुरानी यादें ताजा कर उन्होंने कहा कि नगर निगम में मेयर की कुर्सी जीतना और उसके बाद पांच वर्ष तक काम करना बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। प्रदेश में उस वक्त भाजपा सरकार थी, वहीं सदन में भाजपा विपक्ष में मजबूती के साथ खड़ी थी। बात बात में विरोध हो रहा था। अगर 2017 में बहनजी की सरकार होती, तो वह शहर को और सुंदर बना देते। बताते हैं कि पहली बार जनता ने भाजपा के अलावा किसी अन्य पार्टी के प्रत्याशी को मेयर चुना था। इसलिए कुछ कर दिखाने का जज्बा उनके दिल में था। इसीलिए वह विकास कर पाए। यही वजह थी कि जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अलीगढ़ आए तो उन्होंने भी उनके कार्यों की सराहना की थी। बोले पीने के पानी की समस्या दूर करने के लिए लोधी बिहार, भुजपुरा, ए टू जेड, महेंद्र नगर, सासनी गेट, स्काई टावर, जीवनगढ़, शहनशाबाद, पटवारी नगला, किशनपुर, बरौला सहित कई स्थानों पर पाइपलाइन व ओवरहैड टैंक का निर्माण कराया। नगर निगम के इतिहास में बीस सालों में इतना विकास नहीं हुआ, जितना पांच सालों में हुआ है। विकास के लिए बजट कम पड़ गया, क्योंकि काम बहुत ज्यादा थे। मो. फुरकान कहते हैं कि शहर में सबसे ज्यादा जरूरत रिंग रोड की है। जिससे लोगों को ट्रैफिक जैसी समस्या से निजात मिलेगा। स्मार्ट सिटी योजना में मेयर का कोई दखल नहीं है। केंद्र से ही इसका बजट आता है और वहीं से इसका रोडमैप बनता है। लोग सोच रहे हैं कि पूरा शहर स्मार्ट बन रहा है, लेकिन ऐसा नहीं है। स्मार्ट सिटी में केवल 17 वार्डों में काम हो रहा है। गृहकर की बढ़ी हुई दरों पर बोले कि प्रदेश में सबसे ज्यादा 20 प्रतिशत की छूट अलीगढ़ में दी गई है। यह प्रस्ताव बोर्ड से पास कराया गया था। वहीं 2017 से जो एरियर लगाया जा रहा था, उसे भी खत्म किया है। पूरे देश में करीब 124 मेयर हैं, जिनमें वह अकेले मुस्लिम मेयर थे। नगर निकाय चुनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए बोले कि चुनाव बसपा और भाजपा के बीच में है। उन्होंने जनता से अपील की है जिसे वोट देना है दें, लेकिन शहर में शांति और अमन कायम रखें क्योंकि अच्छे माहौल में ही अच्छे काम हो सकते हैं। नगर निगम चुनाव पर वह बोले कि बिना हिंदू वोट के किसी भी पार्टी का जीतना संभव नहीं है। 2017 के अपने अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें कम सही लेकिन हिंदू वोट मिले थे। शहर का ऐसा कोई भी बूथ नहीं था, जहां से उन्हें वोट नहीं मिले। हालांकि वोट कहीं कम तो कहीं ज्यादा जरूर रहे थे, लेकिन किसी भी बूथ पर शून्य नहीं था।1980 में अमुवि छात्रसंघ में उपाध्यक्ष रहे। 1982 में अमुवि छात्रसंघ के अध्यक्ष बने। 1983 में कांग्रेस से जुड़े और प्रदेश महासचिव बने। 1989 में कांग्रेस से विधानसभा चुनाव लड़े और हार गए। 1992 में कांग्रेस के ऑल इंडिया सेक्रेटरी बने। 1995 में रेलवे सर्विस कमीशन के चेयरमैन रहे। साल 2007 में करीब 24 साल बाद कांग्रेस का साथ छोड़ सपा में शामिल हुए। 2007 में सपा के राष्ट्रीय महासचिव रहे। 2009 में बसपा का दामन थामा। 2017 में बसपा ने मेयर प्रत्याशी बनाया। पहले मुस्लिम मेयर बने। 2023 में बसपा ने मेयर का टिकट काटा।
- 2200 सड़कों का निर्माण कराया, पानी की समस्या के लिए 1300 हैंडपंप रीबोर कराए। 100 नए हैंडपंप लगवाएं, 118 नए ट्यूबवेल बनवाए, 22 ट्यूबवेल रीबोर कराए।
- 9 नये ओवरहैड टैंकों का निर्माण कराया, पानी के 8 वाटर कूलर लगवाए, 34 हजार एलईडी लाइट लगवाईं। प्रमुख तिराहे व चौराहे पर हाईमास्ट लाइट लगवाईं। अमृत योजना के तहत आठ पार्कों को विकसित किया। आगरा रोड पर गोशाला का निर्माण कराया।