माहेश्वरी साहित्यकार मंच की बढ़ते संबंध विच्छेद कारण और निवारण विषय पर परिचर्चा हुई
बदायूं। माहेश्वरी साहित्यकार मंच के ऑनलाइन फेसबुक पेज पर विचारों की श्रृंखला में” बढ़ते संबंध विच्छेद-कारण और निवारण “विषय पर” एक सशक्त कलम उठेगी हजारों संबंध विच्छेद बचेंगे “सार्थक पहल चर्चा संग प्रतियोगिता आयोजित की गई। संस्थापक श्यामसुंदर माहेश्वरी ,सतीश लखोटिया, कलावती करवा ,मधु भूतड़ा अक्षरा, स्वाति जैसलमेरिया की गरिमामयी उपस्थिति में कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। मुख्य अतिथि कमल भूतड़ा (ऑस्ट्रेलिया) विशिष्ट अतिथि रमेश पेड़ीवाल (सिक्किम )अशोक सोडाणी (राजस्थान) किरण मूंदड़ा (महाराष्ट्र) कार्यक्रम अध्यक्ष एवं प्रमुख वक्ता की उपस्थिति में सुंदर आयोजन किया गया स्वाति जैसलमेरिया द्वारा शंखनाद से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।गुलाबी नगरी जयपुर से मधु भूतड़ा ने नृत्य की मुद्रा में कार्यक्रम की सुंदर शुरुआत की।ढ़ोल नगाड़े संग कलावती कर्वा व सतीश लाखाेटिया ने मंच पर माँ शारदे की दीप धूप अर्चना करके विधिवत् कार्यक्रम का आगाज़ किया, श्याम सुंदर माहेश्वरी ने सभी प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया। भोपाल से सविता बांगड़ ने मां शारदे की सुमधुर वंदना प्रस्तुति दी।महेश वंदना और स्वागत गीत अतुल कासट भीलवाड़ा व सरला मूँदड़ा सूरत द्वारा शानदार प्रस्तुति दी गई। मनीषा राठी उज्जैन , मुरली राठी हिंगणघाट, भारती माहेश्वरी नलखेड़ा ने कार्यक्रम में सहभागिता निभाई। आज का गहन “विषय – बढ़ते सम्बंध विच्छेद – कारण और निवारण”* पर आयोजित हुई लेखनी प्रतियोगिता में देश-विदेश से जुड़े प्रमुख एवं प्रबुद्ध अतिथियों ने कार्यक्रम से जुड़ कर पूर्ण ऊर्जा, उत्साह और चाव से बेहतरीन उद्बोधन देकर समाज को नई दिशा दिखाई। मधु भूतड़ा ‘अक्षरा ‘ जयपुर ने काव्यात्मक अंदाज में कहा-“टूटती जा रहे तीव्रता से वैवाहिक जीवन की डोर, चिंतनीय हो रही स्थिति सोचना जरूरी इस ओर।समाज के इस बढ़ते कैंसर को जल्द ही खत्म किया जाए, अन्यथा लाइलाज हो जाएगा।” स्वाति जैसलमेरिया ने कहा -“अक्सर वे बच्चें बहुत शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर होते है जिस घर मे पति- पत्नी क्लेश में जीते है। हर परिवार के साथ काउंसलिंग करना बहुत जरूरी है जिससे उन्हें सही दिशा मिल सकें ।” मुख्य अतिथि कमल भूतड़ा ने संबन्ध विच्छेद को रोकने के लिए आध्यात्मिक मनन और योग साधना पर विशेष ध्यान देने को कहा, राजश्री राठी ने कहा-” विवाह यह पवित्र संस्कार है और इसकी बुनियाद को सच्चाई, समर्पण, सहनशीलता, प्रेम,आपसी सामंजस्य से सींचा जाए तो रिश्तों की महक अंतस में ऊर्जा प्रवाहित कर उनमें खुशियों के रंग भर देगी।” बदायूं से डॉ शुभ्रा माहेश्वरी ने कहा-“जबकि पहले खत पहुंचता था खत का उत्तर पहुंचता था और जब तक किसी के जाने की बारी आती थी तब तक तो मामला सुलझ जाता था ।पर आज की स्थिति है, इधर बेटी ने कुछ बताया उधर मां बाप ने गाड़ी निकाली और पहुंच गए बेटी की ससुराल में। सबसे बड़ा कारण आज विवाह विच्छेद का यही है।” जय बजाज ने कहा कि” रिश्ते टूट गए तो हम कितनी भी तरक्की कर लें विकास बौना ही लगेगा।” घनश्याम सोमानी ने कहा कि” पति पत्नि के रिश्ते में शेयरिंग और केयरिंग जरूरी है” संजय माहेश्वरी ने लिखा ” विवाह परस्पर एक दूसरे के साथ चलने वाली जिंदगी का नाम है” पूजा नबीरा का कटु सत्य बयां करती पंक्तियाँ “परिवार समाज का आधार है, नए बच्चे इस पर मनन करें, नहीं तो विखंडित परिवार और बिखरते रिश्तों पर समाज की अस्मिता भेंट चढ़ जाएगी” अपने विचारों को बढ़-चढ़ कर देने वालों में युवा पीढ़ी ने भी सुंदर विचार रखे और निवारण के उपाय बताए। डॉ राधेश्याम लाहोटी, नोखा,आलोक मोहता, हावड़ा. रेखा लखोटिया, नागपुर ,बाल कृष्ण जाजू “बालक”, जयपुर , भँवर लाल गट्टानी कोलकाता , नृसिंह करवा जोधपुर ,मंगला साबू, गोंदिया,एड. प्रसन्ना राठी, नागपुर, माला टुवानी, कोलकाता,अनिता मंत्री, अमरावती,शरद गोपाल बागड़ी, नागपुर, आभा माहेश्वरी,अलीगढ़ , विनीता काबरा, जयपुर,. सुनीता राठी, आर्वी,ओम साबू, जयपुर,कुमकुम काबरा, बरेली, सरोज गट्टानी, परभणी, श्वेता धूत, हावड़ा,अतिन कुमार जाजू, जयपुर,आशीष चितलांग्या, राजनांदगाँव,बिनोद बिहानी, फरीदाबाद,अयोध्या चौधरी, अलीराजपुर,भगवती बिहानी, छापर,संगीता कलंत्री,ऋषिका कलंत्री चित्तौड़गढ़,प्रीति खटोड़, हैदराबाद,किरण कलंत्री, रेनुकूट, ज्योत्सना माहेश्वरी, मेरठ ,लखन लाल माहेश्वरी, अजमेर,सुचित्रा बिनानी, कोलकाता,नीलम सोमानी,मोहपाडा ,मनीषा राठी, उज्जैन,दीपा एम खेतावत, जोधपुर,सुनीता नावंदर,नागपुर , किरण अटल, नेपाल,गोपाल न्याति, भीलवाड़ा, शकुंतला मंत्री, गुमला,शशि लाहोटी, कोलकाता,उर्मिला तापड़िया, नोखा, धर्मेंद्र माहेश्वरी, बैतूल, संगीता दरक, मनसा, रक्षा बाहेती, महेश झंवर, अमृतसर ,बबिता बिहानी, सीहोर, सुनीता नावंदर, नागपुर , सुरेंद्र बजाज, जयपुर ,श्याम बजाज, जयपुर भारती माहेश्वरी, नलखेड़ा ,कविता डारिया, रतलाम,सुनीता माहेश्वरी, नासिक श्याम सुन्दर माहेश्वरी ‘जेठा’, जबलपुर , विनीता ‘निर्झर’ मालू, अजमेर,सत्य नारायण शारदा, जयपुर,दीपमाला माहेश्वरी, दिल्ली,रितिका लड्ढड़, वर्धा,घनश्याम सोमानी, कोलकाता,ममता सारडा, जयपुर,सुनीता जैथलिया, जयपुर,संजय माहेश्वरी, जयपुर,रंजना बिनानी, गोलाघाट,सरस्वती बिरला, हिम्मतनगर,चेतना जागेटिया, भीलवाड़ा,नेहा चितलांग्या, मालदा,याशिका गिलड़ा, देहरादून, रेणू टावरी, रायपुर,राजश्री बांगड़, रेखा माहेश्वरी,उदयपुर , अनुराधा पेड़ीवाल, जयपुर,अनुपमा अजमेरा, कोलकाता ,सोनाली बिरला काला, माला टुवानी,कोलकाता , पवन झंवर, भंडारा, स्वाति मालपानी, नागपुर,स्वाति मान्धना, बालोतरा, निरु लाखोटिया, विजयवाड़ा,सरला करवा मूँधड़ा,सरदारशहर,राखी बिहानी, श्रीरामपुर, पुष्पा बल्दवा, ठाणे, सुनीता बाहेती, जोरहाट, हरिगोपाल बंग, मुंडवा,. रेणू झंवर, उदयपुर ,प्रिया बाहेती,नागपुर ,सपना माहेश्वरी,विदिशा , अनुपमा अजमेरा, कोलकाता, सोनाली काला, पुणे, अर्चना माहेश्वरी जयपुर आदि शताधिक क़लमकारों के साथ युवा पीढ़ी ने भी कार्यक्रम से जुड़ कर अपने सुंदर विचार रखे और निवारण के उपाय बताए। सतीश लखोटिया और मधु भूतड़ा अक्षरा ने ह्दयतल की गहराइयों से आभार व्यक्त किया।