कुछ दिन पहले खबर आ रही थी कि भारत मक्खन और अन्य डेयरी जैसे उत्पादों के लिए आयात करने वाली है, लेकिन इन बातों का खंडन करते हुए केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला ने स्पष्ट किया है कि देश मक्खन जैसे डेयरी उत्पादों का आयात नहीं करेगा और बड़े पैमाने पर घरेलू क्षेत्र की मदद से आपूर्ति में सुधार किया जाएगा। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के प्रभारी रूपाला ने एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से कहा, “डेयरी उत्पादों की कमी की बात में कोई सच्चाई नहीं है और कोई आयात नहीं होगा।” सरकार इसकी नियमित निगरानी कर रही है और जरूरत पड़ने पर आवश्यक कदम उठाए जा सकते हैं। डेयरी उत्पादों की खुदरा कीमतों में वृद्धि पर मंत्री ने कहा कि कीमतों के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मांग बढ़ गई है, लेकिन हमारे पास बहुत बड़ा अप्रयुक्त क्षेत्र है जिसके इस्तेमाल की हम कोशिश करेंगे और इसे ठीक से प्रबंधित करेंगे। साथ ही उन्होंने किसानों के लिए कहा कि उन्हें अच्छे दाम मिल रहे हैं।गौरतलब है कि हाल से समय में दूध की कीमतों में कई बार बढ़ोतरी देखी गई है। फरवरी में अमूल ने दूध की कीमतों में 3 रुपये की वृद्धि की, जो एक वर्ष में की जाने वाली पांचवीं वृद्धि थी। दूध में खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में 9.65% बढ़ी, जो पिछले महीने 8.79% थी। ये अनाज के बाद किसी चीज में होने वाली सबसे बड़ी वृद्धि है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 66 रुपये में बिकता है, जबकि टोन्ड मिल्क की कीमत 54 रुपये है भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में भारत में 221 मिलियन टन का अनुमानित उत्पादन किया गया। इसके बावजूद दूध की मांग में लगातार इजाफा हो रहा है। महामारी के बाद वाणिज्यिक खरीदारों की बढ़ती मांग के बीच मांग-आपूर्ति बेमेल हो रही है। होटल, रेस्तरां और कैंटीन आदि से बढ़ रही मांग के बीच इस उद्योग के लिए सुचारु आपूर्ति बनाए रखना एक चुनौती की तरह है।