बिसौली -क्षेत्र के ग्राम शरह बरौलिया में सिद्व बाबा इंटर कालेज शरह बरौलिया के मैदान पर विश्व प्रसिद्ध कथा वाचक मानस मर्मज्ञ परम पूज्य प0 अतुल कृष्ण महाराज द्वारा श्री राम कथा प्रारम्भ हुई।पहले दिन महिलाओं द्वारा पीताम्बरी वस्त्र धारण कर कलश यात्रा सिद्व बाबा मंदिर से शुरू होती हुई गांव के मुख्य मार्गो से भृमण करती हुई कथा स्थल तक पहुँची ।कथा के प्रथम दिन प0अतुल जी महाराज द्वारा महर्षि अगस्त्य की महिमा का वर्णन करते हुए कहा महर्षि अगस्त्य को पुलस्त्य ऋषि का बेटा माना जाता है। उनके भाई का नाम विश्रवा था जो रावण के पिता थे। पुलस्त्य ऋषि ब्रह्मा के पुत्र थे। महर्षि अगस्त्य ने विदर्भ-नरेश की पुत्रीब लोपामुद्रा से विवाह किया, जो विद्वान और वेदज्ञ थीं। दक्षिण भारत में इसे मलयध्वज नाम के पांड्य राजा की पुत्री बताया जाता है। वहां इसका नाम कृष्णेक्षणा है। इनका इध्मवाहन नाम का पुत्र था। अगस्त्य के बारे में कहा जाता है कि एक बार इन्होंने अपनी मंत्र शक्ति से समुद्र का समूचा जल पी लिया था, विंध्याचल पर्वत को झुका दिया था और मणिमती नगरी के इल्वल तथा वातापी नामक दुष्ट दैत्यों की शक्ति को नष्ट कर दिया था। अगस्त्य ऋषि के काल में राजा श्रुतर्वा, बृहदस्थ और त्रसदस्यु थे। इन्होंने अगस्त्य के साथ मिलकर दैत्यराज इल्वल को झुकाकर उससे अपने राज्य के लिए धन-संपत्ति मांग ली थी।कथा में प0 श्याम पाल पाठक,बृजेश शंखधार,सत्यपाल शर्मा,डॉ0नरेश चन्द अनिल आचार्य,विनीत कटिया,हरद्वारी लाल नेताजी सुधीर शर्मा झलक पाठक प्रवीण शर्मा आदि थे।