बदायू। विश्व विरासत सप्ताह के अंतर्गत चलने वाले कार्यक्रमों में गिंदो देवी महिला महाविद्यालय की ओर से राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वाधान में प्राचार्या डॉ गार्गी बुलबुल के निर्देशन में आयोजन किया गया।सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रम में स्वयं सेविकाओं ने पोस्टर प्रतियोगिता क्विज, प्रतियोगिता रंगोली, सांस्कृतिक कार्यक्रम, पोस्टर प्रतियोगिता और विचार गोष्ठी में भाग लिया कार्यक्रम में भाग लिया इस अवसर पर प्राचार्या जी ने कहा कि विश्व विरासत सप्ताह प्रतिवर्ष पूरे विश्व में यूनेस्को द्वारा 19 नवम्बर से 25 नवम्बर तक मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को सांस्कृतिक-ऐतिहासिक धरोहरों एवं स्थलों के बारे में जागरूक करना तथा आने वाली पीढ़ियों के लिए इसे संरक्षित रखना है। राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम इति अधिकारी ने बताया कि 1982 में 18 अप्रैल के दिन इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ मोनुमेंट्स एंड साइट के द्वारा पहला ‘विश्व विरासत दिवस’ मनाया गया था, पहली बार इस डे को ट्यूनीशिया में मनाया गया था। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य स्थानीय समुदायों और व्यक्तियों को उनके जीवन में सांस्कृतिक विरासत के मूल्य को पहचानने के लिए प्रोत्साहित करना है। कार्यक्रम अधिकारी डॉ अनीता सिंह ने बताया कि नवीनतम मेंभारत मे रामप्पा मंदिर, तेलंगाना है। भारत के 40 यूनेस्को धरोहर स्थलों में से इस सूची में 32 सांस्कृतिक स्थल, 7 प्राकृतिक स्थल है । 19 नवंबर से 25 नवंबर तक चलने वाले विश्व विरासत सप्ताह के समापन के साथ 26 नवंबर को संविधान दिवस का आयोजन किया गया जिसमें स्वयं सेविकाओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए एवं संविधान को बनाए रखने और संविधान पर चलने के लिए शपथ लिया। जिससे भारत की सांस्कृतिक विरासत के साथ संविधान की भी रक्षा की जा सके और लोगों को संविधान के अनुसार चलने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्य उपस्थित रहे।