पूर्वजों के प्रति श्रद्धा, तृप्ति, शांति और सद्गति के लिए करें श्राद्ध तर्पण: सचिनदेव
गायत्री शक्तिपीठ हुआ कन्याभोज
-गाय, श्वान, काग, देवता और चीटियों को कराया भोजन
बदायूं। शांतिकुंज हरिद्वार मार्गदर्शन में गायत्री शक्तिपीठ एवं आध्यात्मिक चेतना केंद्र पर पूर्वजों के प्रति श्रद्धा तृप्ति के पावन पर्व पर सामूहिक श्राद्ध तर्पण हुआ। शहर व ग्रामीण क्षेत्र के परिजनों की रही भागीदारी। मां गायत्री और पृथ्वी माता के पूजन के साथ पौधारोपण का संकल्प कराया।
गायत्री शक्तिपीठ के परिब्राजक सचिन देव ने कहा कि पूर्वजों के प्रति श्रद्धा, तृप्ति, शांति और सद्गति के लिए तर्पण करें। उत्कृष्ट भावनाओं से बना अन्तःकरण या वातावरण ही शांतिदायक होता है। जिस प्रकार स्थूलशरीर वाले को इंद्रिय भोग, वासना, तृष्णा एवं अहंकार की पूर्ति में सुख मिलता है, उसी तरह पितरों का सूक्ष्म शरीर शुभ कर्मों से उत्पन्न सुगंध का रसास्वादन कर पूर्वज तृप्ति का अनुभव करते हैं। उन्होंने कहा कि श्रद्धा पूर्वजों की प्रसन्नता और आकांक्षा का केंद्र बिन्दु है। श्रद्धा भरे वातावरण के सान्निध्य में पितर अपनी अशांति खोकर आनंद का अनुभव करते हैं, श्रद्धा ही इनकी भूख है, इसी से उन्हें तृप्ति होती है। इसलिए पितरों की प्रसन्नता के लिए श्राद्ध एवं तर्पण करना चाहिए।
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि पूर्वजों के छोड़े हुए धन में कुछ अपनी ओर श्रद्धांजलि मिलाकर उनकी आत्मा के कल्याण, सद्गति और शांति के लिए दान कर देना चाहिए यही सच्चा श्राद्ध है। देव शक्तियां ईश्वर की वे महान विभूतियां हैं, जो मानव कल्याण में सदा निःस्वार्थ भाव से प्रयत्नरत है।
प्रज्ञा मंडल के भवेश शर्मा, पंकज कुमार, वैभव शर्मा उपचार्य रहे। शक्तिपीठ पर पूर्वजों के श्रद्धा तृप्ति के पावन पर्व पर नत्थू लाल शर्मा, केपी सिंह, सुखपाल शर्मा, सुशील कुमार गुप्ता, मदन लाल झा, जलधारा देवी, कनक लता वार्ष्णेय, झम्मन लाल प्रजापति, ममता शर्मा, शशि प्रजापति, जगदम्बा सहाय, रजत सैनी, योगेंद्र श्रीवास्तव, शीतल, दया शर्मा, राजेंद्र आदि तर्पण और पिंडदान किया।
गायत्री शक्तिपीठ पर तर्पण- देव तर्पण, ऋषि तर्पण, दिव्य मानव तर्पण, दिव्य पितृ तर्पण, यम तर्पण, मनुष्य पितृ तर्पण किया।
पिंडदान- देवताओं, ऋषियों, दिव्य मानवों, दिव्य पितरों, यम, मनुष्य पितरों, मृतात्माओं, पुत्रदा रहितों, उच्छिन्न कुलवंशों, गर्भपातों, अग्निदग्धों, बंधुओं के निमत्त पिंडदान किया गया।
पंचबलि भूतयज्ञ के निमत्त- गाय, श्वान, काग, देवता और चीटियों को भोजन कराया गया।
मातृशक्तियों और देवकन्याओं के मां वेदमाता गायत्री का वेदमंत्रोच्चारण कर पूजन किया। इसके बाद कन्याभोज कराया गया। इस मौके पर जिला समंवयक नरेंद्र पाल शर्मा, कालीचरन पटेल, रामचंद्र प्रजापति, राजेश्वरी, भूमि, प्रज्ञा आदि मौजूद रहीं।