बिल्सी। संस्कारों के बिना मानव का जीवन अधूरा है, इसी उद्देश्य से बच्चों को संस्कारों की शिक्षा देने के लिए गुधनी आर्य समाज द्वारा एक संस्कारशाला को स्थापित किया गया है। जहां पर 50 से अधिक बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। बीती रात पुलिस क्षेत्राधिकारी अनिरुध्द सिंह ने यहां पंहुच कर बच्चों को जीवन में सफल होने के लिए कुछ टिप्स दिए। उन्होने कहा कि आज बच्चे मोबाइल फोन पर सही जानकारी को हासिल नहीं कर रहे है। वह गलत वस्तुओं को अधिक ग्रहण कर रहे है। वर्तमान परिवेश में बच्चों पर मोबाइल फोन दुष्प्रभाव डाल रहा है। इसलिए पढाई के दौरान मोबाइल फोन को बच्चों से दूर रखें। उन्होने कहा कि संस्कारशाला के जरिए बच्चों को प्रेरक कहानियों के माध्यम से शिक्षा और संस्कार से जोड़ने का काम किया जाए। इससे बच्चों में सीखने की क्षमता एवं रचनात्मक बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि ऐसी ही शिक्षा पाकर बच्चों में संस्कार उत्पन्न होते हैं और वह बड़े होकर एक आदर्श नागरिक बनते हैं। उन्होने कहा कि बच्चों के मानसिक विकास में कहानियों का अहम योगदान होता है। कहानी से बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास होता है। इससे पहले संस्कारशाला के संस्थापक आचार्य संजीव रुप ने कहा सीओ अनिरुध्द सिंह को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर शिक्षिका प्रज्ञा आर्य, प्रश्रय आर्य, तानिया आर्य, तृप्ति आर्य, संजीव कुमार, मनोज कुमार, सुनील कुमार, सुरेंद्र सिंह, सुखवीर सिंह आदि आदि मौजूद रहे।