सरकारी मेडिकल सेवा देने में बरेली जिला काफी पीछे बरेली।
बरेली। बरेली बीजेपी का गढ़ रहने के बावजूद सरकारी चिकित्सा क्षेत्र में अभी भी काफी पिछड़ा हुआ ही है। जहां आज तक सरकारी मेडिकल कॉलेज तक नही खुल सका। एम्स की वर्षो पुरानी मांग फाइल में दबी पड़ी है। पत्रकार निर्भय सक्सेना ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी को मेल भेजकर बरेली की जनता को सरकारी चिकित्सा की बेहतर सेवा देने के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज, एम्स जैसा हॉस्पिटल देने की मांग की है। स्मरण रहे उत्तर प्रदेश में बी जे पी का गढ़ बरेली रहा है। जहां बी जे पी के वर्तमान में 2 सांसद, 7 विधायक, मेयर, जिला पंचायत अध्यक्ष आपके दूसरे कार्यकाल में भी हैं। खेद के साथ कहना पड़ रहा ही कि आम जनता को सरकारी मेडिकल सेवा देने में बरेली जिला काफी पीछे है। यहां एम्स जैसे हॉस्पिटल की भी आज बहुत जरूरत है। स्मरण रहे बरेली ही एक मात्र ऐसा जिला है जहां 70 वर्ष बाद भी सरकारी मेडिकल कॉलेज अभी तक नही खुल सका है। सरकारी यूनानी कॉलेज को अब तक केवल हजियापुर में जगह ही मिली है। बांस मंडी का आयुर्वेदिक कॉलेज बिना कैम्पस के एक दरबे में सिमटा पड़ा है। मेल मे निर्भय सक्सेना ने कहा ही की मेरा विनम्र सुझाव है की जिला हॉस्पिटल के टी बी हॉस्पिटल एवम उससे सटे पुराने गिरताऊ भवन तोड़कर उस बड़े परिसर में 100 बेड का एक नया हॉस्पिटल बनाया जाए ताकि बरेली घनी आबादी को उसका लाभ मिल सके। इसके साथ ही नया बना कोविड हॉस्पिटल जल्द ही विभाग को हैंडओवर कराया जाए। बरेली महायोजाना में नए एयरपोर्ट के लिए भी स्थान चिन्हित हो बरेली की महायोजना 2031 बना ली गई है। इसमें जागरूक नागरिकों ने कुछ सुझाव भी दिया हैं। स्मार्ट सिटी बरेली में एक अत्याधुनिक एयर पोर्ट की जरूरत भविष्य में होगी । लखनऊ रोड पर फरीदपुर या दिल्ली रोड पर मीरगंज मे नया एयरपोर्ट बनाने के मेरे सुझाव को भी इस 2031की महायोजना में शामिल किया जाए। इसके लिए बरेली महायोजना 2031 में नए एयरपोर्ट के लिए भी स्थान चिन्हित किया जाए। स्मरण रहे बरेली में वायुसेना के त्रिशूल एयरपोर्ट की हवाई पट्टी का वर्तमान में बना बरेली सिविल एयरपोर्ट सेवाएं ले रहा है। जिससे वायु सेना के त्रिशूल हवाई अड्डे की सुरक्षा व्यवस्था पर भी खतरे के बादल मंडराते रहते हैं। इस लिए जरूरी है कि लखनऊ रोड पर फरीदपुर या दिल्ली रोड पर मीरगंज या नवाबगंज किसी उचित स्थानों नया एयरपोर्ट बनाने के मेरे सुझाव को भी इस 2031की बरेली महायोजना में शामिल किया जाए। और उस पर गंभीरता से अमल भी हो। आज कल जिस तरह चीन की गतिविधियां चल रही हैं उसको दृष्टिगत रखकर बरेली के वायुसेना के त्रिशूल एयरपोर्ट के समीप बने बरेली सिविल एयरपोर्ट को भविष्य में हटाना भी जरूरी होगा। इसलिए बरेली की 2031की महायोजना में नए एयरपोर्ट की जगह को अभी से शामिल किया जाए। स्मरण रहे सुरक्षा कारणों से कानपुर में भी चकेरी में वायुसेना के पास बने सिविल एयरपोर्ट को अन्य स्थान पर शिफ्ट किया गया था। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कुल नो एयरपोर्ट हैं जिसमें से तीन अंतरराष्ट्रीय और छह राष्ट्रीय स्तर के हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के अनुसार उत्तर प्रदेश में 10 एयरपोर्ट की कार्यवाही संचालन में चल रही है। इसके अलावा निकट भविष्य में राज्य में कई और नए हवाई अड्डों के आने की भी संभावना है। उत्तर प्रदेश भारत का एक महत्पूर्ण राज्य है। उत्तर प्रदेश में कुल दस एयरपोर्ट हैं, जिसमें से तीन अंतरराष्ट्रीय और छह राष्ट्रीय स्तर के हैं।
जेवर, कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रदेश का तीसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है।
उत्तर प्रदेश में वर्तमान में लखनऊ में चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, बनारस में लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, जेवर एयरपोर्ट, आगरा एयरपोर्ट, प्रयागराज एयरपोर्ट, बरेली एयरपोर्ट, गाजियाबाद में हिण्डन एयरपोर्ट, गोरखपुर एयरपोर्ट, कानपुर एयरपोर्ट हैं। उत्तर प्रदेश में जेवर इंटरनेशनल एयर पोर्ट और कुशीनगर इंटरनेशनल
एयरपोर्ट के बाद अब अयोध्या की रामनगरी में भी बड़े एयर पोर्ट निर्माण की शुरुआत हो गई है। इसके लिए गत दिवस नागरिक उड्डयन विभाग और भारतीय विमान पट्टन प्राधिकरण के बीच लीज अनुबंध पर भी साइन हुए। जिस पर वर्ष 2023 के अंत में अयोध्या में उड़ान शुरू होने पर जोर दिया गया है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) ने अयोध्या में पुरुषोत्तम श्रीराम एयरपोर्ट का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। निर्भय सक्सेना, मोबाइल 9411005249 8077710362 05812588049।