बर्ड फ्लू की बैठक आयोजित
बदायूं। मुख्य विकास अधिकारी ऋषिराज की अध्यक्षता में वर्ल्ड ब्लू से संबंधित जनपद स्तरीय टास्क फोर्स बैठक सोमवार को विकास भवन स्थित सभागार में आयोजित की गई। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद से अब तक 1081 बर्ड फ्लू के सैंपल भेजे जा चुके हैं जिसमें 10 सिरम, 508 किलोएकल एवं 563 ओरोफैरिंजीयल सैंपल एकत्रित कर आईवीआरआई जांच हेतु भेजे गए हैं, अभी तक किसी प्रकार के धनात्मक सैंपल की रिपोर्ट नहीं आई है।
उन्होंने अवगत कराया कि यह सैंपल अप्रैल 2021 से लेकर अब तक प्रतिमाह भेजे जाते रहे हैं। बर्ड फ्लू का वायरस आर एन ए टाइप का वायरस है जो 70 डिग्री सेंटीग्रेड पर 5 सेकंड में मर जाता है ,यह मुर्गी के आंख , बीट एवं नाक से फैलता है, जनपद में किसी प्रकार के बीमारी की रोकथाम हेतु रैपिड रिस्पांस टीम गठित कर दी गई हैं, जो अपने-अपने क्षेत्र में चल रहे पोल्ट्री फार्म से सैंपल कलेक्शन एवं पोल्ट्री फार्म के मालिक को बायोसिक्योरिटी के बारे में जानकारी देंगे, प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी अशोक सिंह द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद मैं सैंपल कलेक्शन में पशुपालन विभाग का विभागीय कर्मचारी द्वारा सहयोग किया जा रहा है, सिंचाई विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद में कहीं पर ऐसी वाटर बॉडीज नहीं है जहां पर प्रवासी पक्षी आते हो, जलाशय पर पक्षियों के आने जाने पर विशेष नजर रखी जा रही है। मुख्य विकास अधिकारी ऋषिराज द्वारा मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि सेंपलिंग प्रत्येक क्षेत्र से की जाए साथ ही संबंधित विभागों से सहयोग लिया जाए जहां पर पक्षियों की अचानक मृत्यु होती है अविलंब ही कार्यवाही करते हुए सैंपल जांच के लिए आईवीआरआई बरेली अथवा भोपाल भेजे जाएं। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया के टेमीफ्लू की उपलब्धता हमेशा बनी रहे, जिससे आवश्यकता पड़ने पर उपयोग किया जा सके, साथ ही पशुपालन विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग सुनिश्चित करें कि उनके पास पीपीई किट एवं एन-19 फेस मास्क कम से कम 100-100 प्रत्येक दशा में रिजर्व में रखें, जिससे समय पर काम आ सके। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा जिला सूचना अधिकारी को निर्देशित किया गया मीडिया में प्रकाशित होने वाली खबर को आमजन एवं फार्म मालिकों को बर्ड फ्लू के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से भेजा जाए जिससे सामान्य जन को किसी विषमता से बचाया जा सके।
मुख्य विकास अधिकारी महोदय द्वारा जनपद में चल रहे राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम की भी समीक्षा की गई मुख्य विकास अधिकारी द्वारा मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया गया के लक्ष्य के अनुरूप कृत्रिम गर्भाधान कार्य कराया जाए तथा साथ ही साथ पोर्टल पर अपलोड किया जाए। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा समस्त पशु चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वर्गीकृत वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान अधिक से अधिक कराया जाए जिससे अधिक से अधिक मादा वत्स/बछिया पैदा हो और भविष्य में निराश्रित बेसहारा गोवंश की समस्या से निजात मिल सके। इस अवसर पर जिला वन अधिकारी अशोक सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ0 एके जादौन, डॉ0 कौशलेंद्र स्वास्थ्य विभाग, सहायक अभियंता सिंचाई विभाग व अन्य अधिकारियों के साथ साथ जनपद के समस्त पशु चिकित्सा अधिकारियों सहित अन्य सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे।