बिल्सी में भागवत कथा का हुआ समापन बिल्सी। नगर के बादशाहपुर रोड पर प्रकाश पाली के घर के निकट मैदान पर चल रही श्रीमदभागवत कथा के अंतिम दिन दिन देवरा से आएं कथावाचक पप्पू शास्त्री ने कथा के आखिरी दिन शुकदेव जी महाराज द्वारा राजा परीक्षित को सुनाई गई। श्रीमद् भागवत कथा को पूर्णता प्रदान करते हुए कथा में विभिन्न प्रसंगों श्री कृष्ण का स्वधाम गमन एवं अंत में राजा परीक्षित के मोक्ष प्राप्ति का वर्णन किया। उन्होने भगवान श्री कृष्ण के स्वधाम गमन की कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान जब अपनी लीला समाप्त करके अपने गोलोक धाम गए तभी से कलियुग का वास पृथ्वी पर हो गया। तक्षक नाग ने गंगा किनारे बैठे राजा परीक्षित को आकर डसा तो उनका शरीर जलकर भस्म हो गया। उन्होंने सात दिन श्रीमद् भागवत कथा सुनकर मोक्ष को प्राप्त किया। उन्होने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा कल्पवृक्ष के समान है। इसके श्रवण करने से व्यक्ति का सोया हुआ भाग्य जाग जाता है। उसकी सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है और उसके जन्म जन्मांतर के पापों, सभी दुखों, कष्टों का विनाश हो जाता है। उन्होंने कहा कि कथा की सार्थकता तभी सिद्ध होती है। जब कथा को अपने दिनचर्या में शामिल करेंगे। कथावाचक ने कहा कि व्यक्ति को अपना जीवन आनंदमय, मंगलमय बनाकर आत्म कल्याण करना चाहिए। इस मौके पर प्रकाश पाली, जगदीश पाल, हिमांशु कुमार, प्रेमशंकर, दीपक, वीरेंद्र कुमार, नन्हे लाल, रोहिताश आदि मौजूद रहे।