बिल्सी। नगर के मोहल्ला संख्या आठ स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में आज बुधवार को जैन अनुयायियों द्वारा 16वें तीर्थंकर भगवान शांतिंनाथ स्वामी का ज्ञान कल्याणक धूमधाम से मनाया गया। सर्व प्रथम ने भगवान जिनेंद्र का मंगल जलाभिषेक कर शांतिधारा की गई। इसके बाद जैन श्रद्धालुओं द्वारा भगवान पार्श्वनाथ स्वामी की पूजा-अर्चना के साथ णमोकार का पाठ किया गया। पीके जैन ने बताया कि जैन धर्म के सोलहवें तीर्थंकर शांतिनाथ का जन्म ज्येष्ठ कृष्ण चतुर्दशी के दिन शुभ नक्षत्रों के योग में हुआ था। उनके पिता का नाम विश्वसेन था, जो हस्तिनापुर के राजा थे। उनकी माता का नाम महारानी ऐरा था। भगवान शांतिनाथ के जन्म, तप और मोक्ष तीन कल्याणकों का अवसर एक ही तिथि यानी ज्येष्ठ मास की चतुर्दशी को होता है। 16वे तीर्थंकर, पांचवे चक्रवर्ती, 12वीं कामदेव, श्री शांतिनाथ जी को, 16 वर्ष के तप के बाद, भरणी नक्षत्र में अपने गर्भ, जन्म, तपोस्थली हस्तिनापुर के आम्र वन में, नंदी वृक्ष के नीचे, अपराह्न काल में, केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई। इस मौके पर अनिल कुमार जैन, अरविंद कुमार जैन, अभिषेक कुमार जैन, मानसी जैन, शालिनी जैन, नीलम जैन आदि मौजूद रहे।