आर्य समाज के सप्ताहिक देवयज्ञ के बाद सत्संग में महर्षि के जीवन चरित्र को सुनकर श्रोता हुए भाव विभोर
बदायूंl रविवार को आर्य समाज द्वारा मधुबन कॉलोनी मंदिर प्रांगण में सप्ताहिक देवयज्ञ का आयोजन किया गयाl
जिसमें यजमान द्वारा देवयज्ञ में आहुति डाली गई वही आर्य समाज के विद्वानों ने सत्संग के माध्यम से वहां बैठे सभी महानुभावों से कहा की महर्षि दयानंद ने देवयज्ञ के बारे में बड़े ही विस्तार से बताया है जिसमें कहा गया है की सभी देवताओं का मुख है अग्नि रूपी देवयज्ञ इसमें जो कुछ भी डाला जाता है वह सभी देवताओं को मिलता है और वातावरण मैं ऑक्सीजन का लेवल बढ़ता है कोरोना काल में ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार हो गया था लेकिन जहां पर यज्ञ हुए थे वहां पर ऑक्सीजन की कमी नहीं हुई थी

महर्षि स्वामी दयानंद ने यज्ञ की महिमा को सीधे परमात्मा से मिलने का सीधा साधन बताया है पंडित देवदत्त शर्मा ने महर्षि दयानंद के जीवन चरित्र और आर्य समाज के नियम को जो परिवार मानते हैं ऐसे परिवारों में सुख शांति का निवास हमेशा बना रहता है सत्संग के अंत में समापन के मौके पर यजमान आर्य समाज के कोषाध्यक्ष बिपिन जौहरी ने कहा की यज्ञ की महिमा का महर्षि दयानंद ने अपनी अनेकों पुस्तकों में जो कुछ बताया है वह साक्षात एक एक अक्षर अटूट साबित हो रही है यज्ञ के करने और कराने से जहां एक और वायुमंडल शुद्ध होता है वही जो कीट इंसानों को नुकसान पहुंचाते हैं वह यज्ञ करने के उपरांत उस जगह से अपनी जगह परिवर्तित कर लेते हैं जिसकी वजह से इंसानों में होने वाले रोग नहीं होते हैंl

इस मौके पर एडवोकेट रोहिताश सक्सेना , विजय प्रकाश आर्य ,भूपेंद्र पाल सिंह, डॉक्टर अवधेश, गोपाल शर्मा , धर्मेंद्र कुमार, हरिओम आर्य ,चंद्रभान शर्मा , उन्नति आर्य, उमंग आर्य आदि लोग मौजूद रहेl
बदायूं से संवाददाता विकास बाबू आर्य की रिपोर्ट
