प्रयागराज। किन्नर अखाड़ा को विवाद मेें घसीटने पर जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि ने कड़े तेवर दिखाए। इस पर संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद बैकफुट पर आ गई है। हरिद्वार महाकुंभ से पहले जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि के किन्नर संन्यासियों के साथ खुलकर खड़े होने व उनके अखाड़ा परिषद के महामंत्री पद से इस्तीफा देने का एलान किया था। इसके बाद मान-मनौव्वल का दौर शुरू हो गया। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने हरि गिरि से बात करके स्थिति स्पष्ट की। दूसरे पदाधिकारियों ने भी हरि गिरि से संपर्क साधा। सबका कहना है कि जूना अखाड़ा के साथ किन्नर अखाड़ा बिना किसी रोक-टोक के रह सकता है। हालांकि विश्व अखाड़ा परिषद व परी अखाड़ा पर पाबंदी जारी रहेगी।किन्नर अखाड़ा पर विवाद का सिलसिला एक जनवरी को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक के बाद शुरू हुआ। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा था कि हरिद्वार महाकुंभ में सिर्फ 13 अखाड़ों को मान्यता है। किन्नर अखाड़ा, परी अखाड़ा व विश्व अखाड़ा परिषद को अलग से मान्यता नहीं मिलेगी। उन्हें शिविर लगाने के लिए जमीन व सुविधा न मुहैया कराई जाए। अखाड़ा के नाम से किसी संस्था का पंजीकरण न हो, उसका प्रस्ताव पारित किया गया।