बदायूं। राजकीय महाविद्यालय आवास विकास में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम की रचना के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर छात्र छात्राओं और शिक्षकों ने वंदेमातरम का सस्वर सामूहिक गान किया। राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आयोजित कार्यक्रम में एनएसएस, एनसीसी एवं रोवर रेंजर से जुड़े विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। स्वतंत्रता आंदोलन में वंदेमातरम गीत के योगदान और राष्ट्र निर्माण में इसकी भूमिका विषय पर संगोष्ठी हुई जिसकी अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार ने की, जबकि संचालन समारोहक डॉ. रविंद्र सिंह यादव ने किया। मुख्य वक्ता राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार जायसवाल ने वंदे मातरम के महत्व और राष्ट्रनिर्माण में इसके योगदान पर प्रकाश डाला। डॉ जायसवाल ने कहा कि साहित्यिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय स्तर पर यह गीत भारत के स्वतंत्रता संग्राम का प्रेरणा स्रोत रहा है। इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. संजय कुमार ने बंकिम चंद्र चटर्जी के आनंदमठ उपन्यास की ऐतिहासिक और राष्ट्रीय संदर्भ को उद्घाटित करते हुए राष्ट्रीय गीत के सांस्कृतिक महत्व पर चर्चा की। अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार ने वंदे मातरम के महत्व और राष्ट्रनिर्माण में उसकी भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह कार्यक्रम वंदे मातरम को राष्ट्रीय धरोहर के रूप में अक्षुण्ण बनाए रखना, विकसित भारत के निर्माण में उसकी भूमिका और स्वतंत्रता आंदोलन में इसके योगदान को नई पीढ़ी तक पहुँचाना हम सभी का दायित्व है। इस अवसर पर डॉ. बबीता यादव, शशि प्रभा, डॉ. हुकम सिंह, डॉ. सचिन कुमार राघव, डॉ. दिलीप कुमार वर्मा, डॉ. गौरव कुमार सिंह, डॉ. ज्योति बिश्नोई, डॉ. सारिका शर्मा, डॉ. प्रियंका सिंह, डॉ. जुनेद आलम, संजीव शाक्य, प्रमोद कुमार शर्मा आदि उपस्थित थे।