महिला उपनिरीक्षक भारती सिंह ने मिशन शक्ति फेज- 05 के तहत छात्राओं को बताए गुड टच व बेड टच का अंतर

उझानी। कोतवाली क्षेत्र के ग्राम बसोमा स्थित रजत बाल विद्या मन्दिर में महिला उपनिरीक्षक भारती सिंह ने उत्तर प्रदेश शासन द्वारा महिलाओं/बालिकाओं के सुरक्षार्थ व स्वालंबन हेतु चलाये जा रहे मिशन शक्ति फेज 5.0 के तहत विद्यालय परिसर में महिलाओं और बालिकाओं के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।इन कार्यक्रमों में महिलाओं और बालिकाओं को उनके अधिकारों और सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया।
- गुड टच और बैड टच : बच्चों और महिलाओं को गुड टच, बैड टच में अंतर बताया गया। उन्हें किसी भी प्रकार के बुरे स्पर्श का विरोध करने और तुरंत विश्वासपात्र व्यक्तियों को इसकी जानकारी देने के लिए प्रोत्साहित किया गया। ईव टीजिंग एवं छेड़छाड़ : सार्वजनिक स्थानों पर होने वाली उत्पीड़न की घटनाओं से निपटने के तरीकों के बारे में बताया गया। महिलाओं को सिखाया गया कि वे चुप न रहें, ऐसी स्थिति में विरोध करें और तत्काल पुलिस से संपर्क करें।
घरेलू हिंसा: घरेलू हिंसा के विभिन्न रूपों (शारीरिक, मानसिक) की पहचान कराने और इसके खिलाफ कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूक किया गया। उन्हें बताया गया कि घरेलू हिंसा को सहना नहीं है और कानून इस मामले में उनके साथ है। यौन हिंसा: यौन उत्पीड़न और हमले जैसे गंभीर अपराधों की स्थिति में तुरंत मदद लेने और कानूनी कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया गया।
- साइबर सुरक्षा:
डिजिटल युग में बढ़ते खतरों को देखते हुए, महिलाओं को साइबर अपराधों (जैसे- ऑनलाइन हैरासमेंट, फिशिंग, साइबर स्टॉकिंग, अश्लील सन्देश भेजना आदि) के बारे में आगाह किया गया। उन्हें सोशल मीडिया का उपयोग सावधानीपूर्वक करने, निजी जानकारी साझा न करने और किसी भी प्रकार की साइबर उत्पीड़न की स्थिति में तुरंत रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी गई। - “डरें नहीं, बोलें”: एक सशक्त संदेश
इस अभियान का केंद्रीय संदेश “डरें नहीं, बोलें” रहा। महिलाओं और बालिकाओं को यह समझाने का प्रयास किया गया कि किसी भी प्रकार के उत्पीड़न या हिंसा की स्थिति में चुप रहना गलत है। उन्हें अपनी समस्याओं और शिकायतों को खुलकर व्यक्त करने और कानूनी मदद लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
4:- सरकारी योजनाओं एवं हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी:
कार्यक्रम को दौरान महिलाओं/बालिकाओं को महिला सुरक्षा से जुड़ी विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में अवगत कराया गया। साथ ही, आपात स्थिति में तुरंत मदद के लिए महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी साझा की गई। - “डरें नहीं, बोलें”: एक सशक्त संदेश
इस अभियान का केंद्रीय संदेश “डरें नहीं, बोलें” रहा। महिलाओं और बालिकाओं को यह समझाने का प्रयास किया गया कि किसी भी प्रकार के उत्पीड़न या हिंसा की स्थिति में चुप रहना गलत है। उन्हें अपनी समस्याओं और शिकायतों को खुलकर व्यक्त करने और कानूनी मदद लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
4:- सरकारी योजनाओं एवं हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी:
कार्यक्रम को दौरान महिलाओं/बालिकाओं को महिला सुरक्षा से जुड़ी विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में अवगत कराया गया। साथ ही, आपात स्थिति में तुरंत मदद के लिए महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी साझा की गई।