गिन्दो देवी महिला महाविद्यालय में गोष्ठी हुई,जागरूक किया

बदायूं। आज गिन्दो देवी महिला महाविद्यालय में, राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत प्राचार्या प्रो. सरला चक्रवर्ती के नेतृत्व में विश्व छात्र दिवस पर “Igniting Young Minds: A Tribute to Dr. APJ Abdul Kalam” शीर्षक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिन्होंने माँ सरस्वती को पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।प्राचार्या प्रो. सरला चक्रवर्ती ने कहा कि छात्राओं के लिए डॉ. कलाम का दृष्टिकोण तीन शब्दों सपना, विश्वास और कार्य में निहित था।वह अक्सर कहा करते थे, “सपने देखो, सपने विचारों में बदलते हैं और विचार कार्रवाई में परिणत होते हैं।”उनका मानना था कि शिक्षा को पाठ्यपुस्तकों से आगे जाना चाहिए, इसे युवा मन की जिज्ञासा को प्रज्वलित करना चाहिए और उन्हें ईमानदारी, करुणा और साहस जैसे मूल्य सिखाना चाहिए। उनके लिए, छात्र राष्ट्र निर्माता थे।उन्होंने एक ऐसे भारत की कल्पना की थी जहाँ प्रत्येक छात्र नवाचार, विज्ञान और सामाजिक जिम्मेदारी के माध्यम से योगदान देगा। उनका सपना 2020 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में देखना था, यह शिक्षकों और छात्रों के रूप में उनके दृष्टिकोण को जीवित रखने के हमारे कर्तव्य की याद दिलाता है।एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी अवनीशा वर्मा ने कहा विकर्षणों से भरी दुनिया में, यह दिन हमें शिक्षा के मूल उद्देश्य,आत्म-विकास और राष्ट्र निर्माण की ओर लौटने की याद दिलाता है।जब छात्र इस दिन को मनाते हैं, तो वे अपनी क्षमता, सोचने, प्रश्न करने, सृजन करने और समाज को बदलने की शक्ति का जश्न मना रहे होते हैं। ऐसे कार्यक्रम हमें यह समझने में भी मदद करते हैं कि सीखना केवल कक्षा तक ही सीमित नहीं है। सच्ची शिक्षा तब होती है जब हम अपने ज्ञान को दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए लागू करते हैं, जिस पर डॉ. कलाम हमेशा जोर देते थे। प्रो. इंदु शर्मा, डॉ. इति अधिकारी, डॉ. वंदना वर्मा डॉ. निशा साहू ने भी डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर अपने बहुमूल्य विचार साझा किये .इस कार्यक्रम के साथ छात्राओं को सुरक्षा के बारे में जागरूक करने के लिए गुड टच और बैड टच पर मिशन शक्ति 5.0 कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया, मिशन शक्ति संयोजिका शालू गुप्ता और सह- संयोजिका अवनीशा वर्मा ने छात्राओं को जागरूक किया .दोनों कार्यक्रमों का धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्या डॉ. सरला चक्रवर्ती ने दिया।