खटीमा। सनातन श्री रामलीला पत्र परिषद द्वारा आयोजित रामलीला मंचन में आज मुख्य लीला में कुंभकरण वध मेघनाथ वध एवं सुलोचना सती लीला संपन्न हुई श्री राम एवं कुंभकरण आमना सामना युद्ध के मैदान में होता है श्री राम बहुत से वायु वाणों एवं अग्नि वाणों का वार कुंभकरण पर करते हैं, परंतु कुंभकरण प्रतिघात में सक्षम था और वायु वाणों एवं अग्नि वाणों का उस पर कोई प्रभाव नहीं हुआ, अंत में श्री राम द्वारा दिव्या अस्त्र का प्रयोग किया गया एवं इंद्रास्त्र द्वारा कुंभकरण के दोनों पर काट दिए और अंत में ब्रह्मा दंड से कुंभकरण का मस्तक उसके धड़ से अलग कर दिया, उसके बाद युद्ध में लक्ष्मण एवं मेघनाथ का आमना सामना हुआ मेघनाथ देवी निकमभला की पूजा कर रहा था, लक्ष्मण ने अपने घातक अस्त्र इंद्रजीत से मेघनाथ का वध किया यह माना जाता है कि मेघनाथ का वध करना संभव नहीं था केवल वही व्यक्ति जो चौदह वर्षों से सोया नहीं था वही मेघनाथ का वध कर सकता था वनवास के चौदह वर्षों के अंतराल में लक्ष्मण जी दिन रात जागते रहे तो उन्हें वह शक्ति प्राप्त थी जिसे मेघनाथ का वध संभव हो सका, देर रात तक चली रामलीला के अंत में मेघनाथ की पत्नी सुलोचना ने मेघनाथ की मृत्यु होने पर अपने प्राण त्याग दिए और सती हो गई मेघनाथ की मृत्यु के बाद रावण के सारे परिवार का अंत हो गया और उसके लिए श्री राम से युद्ध जीतना असंभव हो गया,, एक लाख पुत्रों एवं सवा लाख नातियों के राक्षसी परिवार के बावजूद रावण का पूरे कुल का नाश हो गया, आज के कार्यक्रम में मुख्य रूप से संरक्षक रमेश सिंघल राजीव अग्रवाल मनोज वाधवा रामचंद्र कश्यप अनिल गुप्ता उपस्थित रहे कुंभकरण की भूमिका रामलीला कमेटी के अध्यक्ष राजेश गुप्ता द्वारा निभाई गई, रावण की भूमिका में सतपाल बत्रा रहे लगातार 25 वर्षों से स्थानीय कलाकार सतपाल बत्रा रावण कुंभकरण आदि पत्रों की भूमिका निभाते चले आ रहे हैं समाज कल्याण विभाग में कार्यरत सतपाल बत्रा लगातार 12 दिनों तक रामलीला मंचन में अपनी सहभागिता निभाते हैं