बरेली। श्री रानी महालक्ष्मी बाई रामलीला समिति, चौधरी मोहल्ला के तत्वावधान में बुधवार रात्रि का मंचन दर्शकों के लिए अविस्मरणीय रहा। लीला में मेघनाथ वध, सुलोचना सती, नारंतक बध और अहिरावण वध जैसे महत्वपूर्ण प्रसंगों का सजीव चित्रण हुआ, जिसे देखकर पूरा पंडाल जय श्रीराम के उद्घोषों से गूंज उठा।रात्रि की शुरुआत मेघनाथ वध लीला से हुई, जिसमें लक्ष्मण जी ने हनुमान जी के सहयोग से रावणपुत्र मेघनाथ का अंत किया। इसके बाद मंचित सुलोचना सती का प्रसंग अत्यंत भावुक क्षण रहा, जब मेघनाथ की पत्नी ने पतिव्रता धर्म निभाते हुए सती होने का निर्णय लिया। इसके उपरांत नारंतक और देवांतक बध का युद्ध दृश्य इतना जीवंत रहा कि दर्शकों को वास्तविक युद्धभूमि का अनुभव हुआ।सबसे रोमांचक अहिरावण वध प्रसंग में हनुमान जी ने अपनी शक्ति और चातुर्य से श्रीराम व लक्ष्मण को पाताल लोक से मुक्त कराया, जिसने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।समिति अध्यक्ष पं. राम गोपाल मिश्रा ने कहा कि रामलीला मंचन का उद्देश्य धर्म, सत्य और मर्यादा के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाना है। मंचन में समिति पदाधिकारी हरीश शुक्ला, घनश्याम मिश्रा, प्रदीप बाजपेयी, विजय मिश्रा, नीरज शुक्ला, शिव नारायण दीक्षित, श्रेयांश बाजपेयी, धीरेंद्र शुक्ला, बृजेश प्रताप सिंह, आदित्य शुक्ला, शशिकांत गौतम, विनोद राजपूत, यश चौधरी, आकाश गंगवार, शिवम वर्मा व प्रतीक अरोड़ा सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।