जैन मंदिर में क्षमावाणी पर्व पर रही धूम, निकाली भगवान महावीर स्वामी की पालकी यात्रा

बरेली। जैन धर्म के क्षमा वाणी पर्व पर मध्यान्ह जैन मंदिर रामपुर गार्डन से भगवान श्री जिनेंद्र जी की पालकी यात्रा निकाली गई। पीत वस्त्रों में इंद्रों द्वारा पालकी लेकर पुनः मंदिर जी में पहुंचने पर भगवान का अभिषेक और प्रक्षाल हुआ। तत्पश्चात पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन भी हुआ जिसमें समिति के मंत्री सतेंद्र जैन एड. ने क्षमा वाणी पर्व को पावन और पुनीत पर्व बताते हुए, कहा कि क्षमा मांगने की शुरुआत सर्वप्रथम वो करते हैं, महान व्यक्तित्व के धनी वही बन सकते हैं जो दूसरों के प्रति दया का भाव रखते हैं। पर्व के प्रवक्ता व मीडिया प्रभारी सौरभ जैन ने कहा कि जैन समुदाय अपनी प्रतिक्रमण प्रार्थना में बार-बार विभिन्न प्राणियों से क्षमा मांगते हैं, यहां तक की एक इन्द्रिय जीवों से भी। राम दयाल जैन ने कहा कि क्षमा आरोप प्रत्यारोप, हिंसा प्रतिहिंसा, बदला लेने की प्रवृत्ति की कड़ी को तोड़ती है। रूपाली जैन, तेला उपवास के लिए सौम्या जैन, अलका जैन को, बेला उपवास के लिए कविता और पी.सी. जैन को, एकासन में ड्राई फ्रूट्स–दूध लेने वाली कुसुम जैन, नीति जैन, पूजा जैन, हर्षित को सम्मानित किया गया साथ ही 70 वर्ष या अधिक आयु की साधना जैन, कविता जैन, राधा जैन सहित 6 वरिष्ठ जनों एवं समाज के 15 मेधावी छात्रों को भी उपहार प्रदान किए गए। मंदिर के स्वर्ण जयंती वर्ष में मंदिर निर्माण में योगदान के लिए लोगों को याद किया गया और उपस्थित जनों का सम्मान किया गया। मंदिर में हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम में रुचि जैन और साथियों ने नृत्य, भजन प्रस्तुत कर भक्तिमय समां बांध दिया। इसके बाद मंदिर प्रांगण में उपस्थित जनों ने एक दूसरे से क्षमा याचना की। वात्सल्य भोज के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम में सतीश चंद्र जैन, अतुल जैन, धनंजय जैन, सुरेंद्र कुमार जैन, राम दयाल जैन, त्रिशला जैन, देवेंद्र जैन, राजीव जयपति, सुनील जैन, अजय जैन, राजेंद्र जैन, आर.सी. जैन, अनिल कुमार जैन, अश्वनी जैन, सतेंद्र जैन चाहबाई, मनीष जैन, संदीप देसाई जैन, ई. अनिल जैन, लवी जैन, पूनम जैन, सृष्टि जैन, अंशुल जैन, अंकित जैन, सुमन कुमार जैन आदि ने कार्यक्रम में सक्रीय योगदान दिया।