बदायूं में गोसेवा आयोग के सदस्य ने कहा कि गोबर व गोमूत्र बहुमूल्य होता

बदायूँ । उ0प्र0 गोसेवा आयोग के सदस्य रमाकान्त उपाध्याय ने गौ-संरक्षण व संवर्धन की जिला स्तरीय अनुसंधान मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति की विकास भवन सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को गोवंशों की चिंता करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गोवंशों के संरक्षण में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सड़क पर कोई निराश्रित गोवंश नजर नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा कि गोबर व गोमूत्र बहुमूल्य हैं। गाय के मूत्र में बर्बरीन नामक तत्व पाया जाता है जिससे कैंसर नहीं होता है। उन्होंने कहा कि सहभागिता योजना के गौ पालकों को सब्सिडी पर वायोगैस संयंत्र दिया जाए, जिससे वह जैविक व प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर होंगे। उन्होंने कहा कि कुपोषित गोवंशों का विशेष ध्यान रखा जाए तथा गांवंश को दिए जा रहे हैं चारे की गुणवत्ता तथा पीने के पानी की शुद्धता का भी विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि गोवंशों के संरक्षण में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार गोवंशों के संरक्षण के लिए कृत संकल्पित है। उन्होंने कहा कि सड़क पर कोई निराश्रित गोवंश नजर नहीं आना चाहिए। उन्होंने समस्त खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह जनपद के किसानों को प्राकृतिक व जैविक खेती करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से अपने कार्यालय में नमामि गंग,े यूपी डास्प, कृषि व उद्यान आदि संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक करें।
मुख्य विकास अधिकारी केशव कुमार ने जनपद में गो-संरक्षण की प्रगति से अवगत कराते हुए बताया कि जनपद में 294 ग्रामीण क्षेत्र, 03काजीं हाऊस, 05 वृहद गो-संरक्षण, 03 कान्हा गोवंश आश्रय स्थल, 12 अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल संचालित है। साथ ही 7833 गोवंश को मा0 मुख्य मंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना अन्तर्गत सुपुर्दगी में दिया गया है। जिसमें 34357 गोवंश संरक्षित किये गये है। जनपद में गोवंश सरक्षण का कार्य लगातार जारी है। मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ0 समदर्शी सरोज ने बताया कि जनपद में 05 वृहद गो-संरक्षण केन्द्र, एवं 03 कान्हॉ पशु आश्रय स्थल निर्माणाधीन है जिसको जल्द ही संचालित कर लिया जायेगा। इसके अतिरिक्त 05 कान्हॉ पशु आश्रय स्थल एवं 05 वृहद गो-संरक्षण केन्द्र हेतु भूमि चिन्हॉकन की कार्यवाही की जा रही है। जनपद में गोवंश संरक्षण अन्तिम गोवंश संरक्षित किये जाने तक जारी रहेगा। इससे पूर्व आयोग सदस्य ने गौशालाओं का निरीक्षण कर वहां की गई व्यवस्थाओं लेते हुए अधिकारियों को ठीक से गौवंशों का संरक्षण करने के निर्देश दिए। बैठक उपरान्त उन्होंने मीडिया से वार्ता भी की। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन, समस्त खण्ड विकास अधिकारी सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।