बरेली। उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन की कार्यकत्रियों ने बुधवार को जिला अध्यक्ष शिववती साहू और जिला उपाध्यक्ष अनीता के नेतृत्व में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आशाओं के साथ हो रहे शोषण, उत्पीड़न और बकाया भुगतान में हो रही देरी के खिलाफ नाराजगी जाहिर की।ज्ञापन में बताया गया कि वर्ष 2024 की बकाया राशि अब तक आशाओं को नहीं दी गई है। इसके अलावा ग्रेविटी ऐप और अन्य समस्याओं पर भी सरकार की उदासीनता की आलोचना की गई। यूनियन की पदाधिकारियों ने कहा कि आशाएं आपदा, महामारी व जनहित से जुड़े कार्यों में तन-मन-धन से सेवा करती हैं, लेकिन उनके साथ सरकार और प्रशासन की उपेक्षा चिंताजनक है।ज्ञापन में प्रमुख मांगें रखी गईं जिनमें जुलाई 2019 से दिसंबर 2022 तक प्रति माह ₹730 और कोविड काल में ₹1000 प्रतिमाह का भुगतान शीघ्र कराए जाने की मांग शामिल है। इसके साथ ही जुलाई 2025 तक के समस्त बकाया भुगतान, ₹20 लाख का स्वास्थ्य बीमा और ₹50 लाख का जीवन बीमा, अवैध वसूली की जांच और आशा कार्यकर्ताओं को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिए जाने की मांग प्रमुख रही।यूनियन ने चेतावनी दी कि यदि मांगों पर शीघ्र विचार नहीं किया गया तो उन्हें आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ता अपमान और उपेक्षा की शिकार हो रही हैं, अतः उनके लिए स्पष्ट और सम्मानजनक कार्यनीति बनाई जाए। ज्ञापन देने बालो में मंजू पटेल , जय श्री गंगवार, चम्पा देवी , जय देवी , रिचा, मधु, दिनेश कुमारी , सन्तोष, सुनीता गंगवार, मीना, गुड्डी देवी , कमलेश चक्रवती , मुन्नी देवी , सर्वेश कुमारी , शिवकुमारी, गुड्डी, राज रानी, विद्यावती, नीलम आदि मौजूद रही।