बरेली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनपद बरेली आगमन से ठीक पहले, भीम आर्मी के प्रदेश महासचिव विकास बाबू एडवोकेट और जिला अध्यक्ष सुशील कुमार गौतम को बरेली पुलिस द्वारा उनके आवास पर ही नज़रबंद (हाउस अरेस्ट) कर दिया गया। दोनों नेता मुख्यमंत्री से जनसमस्याओं, थाना नवाबगंज पर आरिश और फतेहगंज पूर्वी पर अपराध संख्या 283/2025 के मामले में अपराधियों की गिरफ्तारी, दलित उत्पीड़न, और शिक्षा-स्वास्थ्य के मुद्दों पर शांति पूर्ण रूप से ज्ञापन देने वाले थे। लेकिन प्रशासन ने बिना किसी पूर्व सूचना के उन्हें उनके ही घरों में कैद कर दिया, जिससे न केवल लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन हुआ, बल्कि अभिव्यक्ति की आज़ादी पर भी गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है। प्रदेश महासचिव विकास बाबू ने कहा, “ये तानाशाही का दौर है, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। जनता की आवाज़ को कैद नहीं किया जा सकता।” इस कार्रवाई से सामाजिक संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। भीम आर्मी ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताते हुए चेतावनी दी है कि अगर नेताओं को बिना कारण नज़रबंद किया गया, तो आने वाले दिनों में पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा।