बरेली। दुबई में 17 अक्टूबर को प्रस्तावित भारत- पाकिस्तान क्रिकेट मैच को लेकर विरोध के तेज होने लगा है। इस मैच को रद्द कराने की मांग को लेकर बरेली में एक सामाजिक संगठन के युवाओं ने जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है। उनका कहना है अभी आपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है ऐसे संवेदनशील समय में पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच का आयोजन न सिर्फ शहीदों के बलिदान का अपमान है, बल्कि यह राष्ट्रीय भावना के भी खिलाफ है।ने कहा है कि 26 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले में कई निर्दोष नागरिकों और जवानों की जान गई थी, जिसमें पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की भूमिका स्पष्ट रूप से सामने आई थी। इस घटना के बाद देशभर में भारी आक्रोश है। रुद्र लक्ष्मीकांत अवस्थी ने बताया कि भारत सरकार ने 24 अप्रैल को ऐतिहासिक सिंधु जल समझौते को एकपक्षीय रूप से समाप्त कर पाकिस्तान के साथ सामान्य संबंधों को विराम दे दिया है। ऐसे में उसके साथ किसी भी स्तर पर क्रिकेट संबंध बनाए रखना न सिर्फ राष्ट्रहित के विरुद्ध है, बल्कि यह शहीदों के बलिदान का भी अपमान है। ज्ञापन में मांग की गई है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कठोर रुख नहीं अपनाता, तब तक उससे किसी भी प्रकार के खेल संबंध, विशेषकर क्रिकेट, समाप्त किए जाएं। भारत-पाकिस्तान के बीच भविष्य में होने वाले सभी क्रिकेट मैचों पर स्थायी प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई है। ज्ञापन सौंपने वालों का कहना है कि अगर मैच रद्द नहीं किया गया तो देशभर में विरोध प्रदर्शन और बहिष्कार तेज होगा। ज्ञापन देने बालो में रुद्र लक्ष्मीकांत उपाध्याय, हर्ष भारद्वाज, अरमान, प्रिंस सिंह, देवदत्त शर्मा , गोविंद , योगेंद्र प्रजापति ,अजय प्रताप सिंह ,नागेंद्र शर्मा सहित अन्य कई लोग मौजूद रहे ।