रबड़ फैक्ट्री श्रमिकों के वैधानिक भुगतान और भूमि कब्जे की मांग को लेकर एस एंड सी कर्मचारी यूनियन का धरना प्रदर्शन

बरेली । सीबीगंज स्थित एस एंड सी कर्मचारी यूनियन के बैनर तले रबड़ फैक्ट्री के पूर्व श्रमिकों ने आज यूनियन के महामंत्री अशोक कुमार शर्मा के नेतृत्व में शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन का उद्देश्य वर्षों से लंबित वेतन भुगतान और फैक्ट्री की भूमि पर शासन द्वारा कब्जा लेने में हो रही देरी पर ध्यान आकर्षित करना था। ज्ञापन में कहा गया है कि बरेली के फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र में रबड़ फैक्ट्री के 1432 श्रमिकों को पिछले कई वर्षों से वैधानिक भुगतानों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। यूनियन का आरोप है कि प्रशासन और शासन को बार-बार ज्ञापन देने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। परिणामस्वरूप 350 से अधिक श्रमिकों की असमय मृत्यु हो चुकी है, जिनमें से कुछ ने आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाया। ज्ञापन के अनुसार माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वर्ष 2001 में वाद संख्या 41427/2001 के तहत श्रमिकों के वेतन भुगतान को वैध मानते हुए जिलाधिकारी बरेली को वसूली प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश दिया था। श्रम विभाग द्वारा 35 महीने से अधिक के वसूली प्रमाण पत्र जारी किए गए, लेकिन प्रशासन द्वारा उन्हें बिना कार्यवाही वापस कर दिया गया। इससे श्रमिकों के हितों की घोर उपेक्षा हुई है। रबड़ फैक्ट्री की संपत्तियों को बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश अनुसार 2002 में रिसीवर को सौंपा गया था और 2018 में फैक्ट्री को वाइन्डअप कर लिक्विडेशन की प्रक्रिया में डाल दिया गया। श्रमिकों द्वारा अपने वेतन के क्लेम आवश्यक साक्ष्यों के साथ 30 जनवरी 2018 को लिक्यूडेटर को सौंपे गए, जिन्हें कई बार सुनवाई के बाद 16 जनवरी 2023 को वैध माना गया। फिलहाल ये क्लेम भुगतान की प्रक्रिया में लंबित हैं क्योंकि फैक्ट्री की भूमि पर कब्जा और उसकी बिक्री की अनुमति अभी शासन से नहीं मिल पाई है। महामंत्री अशोक कुमार शर्मा ने यह भी मांग की कि NH-4 चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहित की गई 9.37 एकड़ फैक्ट्री भूमि का मुआवजा प्रशासन के पास मौजूद है, जिससे श्रमिकों को अंतरिम राहत दी जाए। यह धनराशि प्रशासन के नियंत्रण में होने के बावजूद अब तक वितरित नहीं की गई है। ज्ञापन में मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया कि इस मुद्दे पर तत्काल संज्ञान लेकर भूमि कब्जे की अनुमति दी जाए ताकि लिक्यूडेटर द्वारा संपत्ति की बिक्री कर वैधानिक भुगतान किया जा सके। इसके साथ ही कहा गया कि फैक्ट्री की भूमि का उचित विकास कर हजारों पीड़ित परिवारों को न्याय और स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है। यह पहल राज्य व राष्ट्रहित में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। धरना प्रदर्शन के अंत में यूनियन ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र उचित कदम नहीं उठाए गए तो श्रमिकों को आंदोलन तेज करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। अशोक कुमार मिश्रा ,वी के शर्मा , प्रमोद कुमार, प्रदीप कुमार रस्तोगी , गोविंद कुमार, शरद चंद , सतीश रोहतगी, चंद्रसेन गंगवार आदि मौजूद थे।